हरियाणा के झज्जर में महसूस किए गए भूकंप के झटके, रिक्टर स्केल पर 2.5 रही तीव्रता, जानिए कैसे तय होती है भूकंप की तीव्रता
हरियाणा के झज्जर में आज सुबह-सुबह भूकंप के झटके महसूस किए गए. रिक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता 2.5 रही. जानिए भूकंप की वजह क्या होती है और भूकंप की तीव्रता को कैसे मापा जाता है?
हरियाणा के झज्जर में आज सुबह-सुबह भूकंप के झटके महसूस किए गए. भूकंप के झटकों को सुबह 7 बजकर 8 मिनट पर महसूस किया गया. रिक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता 2.5 रही. हालांकि भूकंप के लिहाज से 2.5 की तीव्रता को बहुत ज्यादा नहीं माना जाता है. लेकिन हरियाणा के झज्जर में जैसे ही लोगों को धरती के हिलने का अहसास हुआ. लोग घरों से बाहर निकलने लगे. फिलहाल इस भूकंप में किसी तरह के नुकसान की खबर नहीं है. आइए आपको बताते हैं भूकंप की वजह क्या होती है और भूकंप की तीव्रता को कैसे मापा जाता है.
कैसे तय होती है भूकंप की तीव्रता
भूंकप की जांच रिक्टर स्केल से की जाती है. रिक्टर स्केल भूकंप की तरंगों की तीव्रता मापने का एक गणितीय पैमाना होता है, इसे रिक्टर मैग्नीट्यूड टेस्ट स्केल कहा जाता है. रिक्टर स्केल पर भूकंप को इसके केंद्र यानी एपीसेंटर से 1 से 9 तक के आधार पर मापा जाता है. ये स्केल भूकंप के दौरान धरती के भीतर से निकली ऊर्जा के आधार पर तीव्रता को मापता है.
क्या होती है भूकंप की वजह
इस मामले में पर्यावरणविद् श्रवण कुमार की मानें तो भूकंप आने की कई वजह हो सकती हैं. लेकिन आज के समय में भूकंप आने का बड़ा कारण इंसानी करतूत है. पहाड़ों को काटा जा रहा है, धरती की गहराई से खुदाई करके तेल निकाला जाता है, पेड़ों की संख्या कम होती जा रही है और उनकी जगह ऊंची इमारतें तैयार हो रही हैं. इन सब से प्रकृति का संतुलन बिगड़ता है, जो समय-समय पर भूकंप की वजह बनता है.
भूकंप की वैज्ञानिक वजह भी जानें
भूकंप कैसे और क्यों आता है इसे वैज्ञानिक रूप से समझने के लिए हमें पृथ्वी की संरचना को समझना होगा. दरअसल ये पृथ्वी टैक्टोनिक प्लेटों पर स्थित है. इसके नीचे तरल पदार्थ लावा है. ये प्लेट्स जो लगातार तैरती रहती हैं और कई बार आपस में टकरा जाती हैं. बार-बार टकराने से कई बार प्लेट्स के कोने मुड़ जाते हैं और ज्यादा दबाव पड़ने पर ये प्लेट्स टूटने लगती हैं. ऐसे में नीचे से निकली ऊर्जा बाहर की ओर निकलने का रास्ता खोजती है और इस डिस्टर्बेंस के बाद भूकंप आता है.
क्या होता है भूकंप का केंद्र?
भूकंप का केंद्र उस स्थान को कहते हैं जिसके ठीक नीचे प्लेटों में हलचल से भूगर्भीय ऊर्जा निकलती है. इस स्थान पर भूकंप का असर सबसे ज्यादा होता है और सबसे तेज कंपन होता है. कंपन की आवृत्ति जैसे-जैसे दूर होती जाती हैं, वैसे-वैसे इसका प्रभाव कम होता जाता है. लेकिन अगर रिक्टर स्केल पर 7 या इससे अधिक की तीव्रता वाला भूकंप है तो आसपास के 40 किमी के दायरे में झटका तेज होता है. ये इस बात का निर्भर करता है कि भूकंप की आवृत्ति ऊपर की तरफ है या दायरे में है. अगर कंपन की आवृत्ति ऊपर की ओर है तो कम क्षेत्र प्रभावित होगा.
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