जम्‍मू-कश्‍मीर के राजौरी जिले में आज सुबह-सुबह भूकंप के झटके महसूस किए गए, जिससे लोग काफी सहम गए. राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र के मुताबिक ये भूकंप सुबह करीब 3:49 बजे आया, उस समय लोग गहरी नींद में सो रहे थे. अचानक भूकंप के झटके महसूस होने से लोग बुरी तरह से सहम गए. रिक्‍टर स्‍केल पर भूकंप की  तीव्रता 3.6 मापी गई. हालांकि इस भूकंप में किसी के हताहत होने की खबर नहीं है.

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वहीं बीते बुधवार की देर रात नोएडा, उत्‍तराखंड के पौड़ी गढ़वाल और महाराष्‍ट्र के कोल्‍हापुर में भी भूकंप के झटके महसूस किए गए. हालांकि सभी जगहों पर राजौरी की तुलना में भूकंप की तीव्रता काफी कम थी. राष्ट्रीय भूकंप केंद्र की वेबसाइट के मुताबिक नोएडा में भूकंप रात 8 बजकर 57 मिनट पर 6 किलोमीटर की गहराई पर आया था. जिसका केंद्र नोएडा के सेक्टर-128 क्षेत्र में था. 1.5 तीव्रता का झटका बहुत कम महसूस होता है. वहीं उत्तराखंड के पौढ़ी गढ़वाल क्षेत्र में बुधवार की शाम को करीब 6 बजे के आसपास 2.9 की तीव्रता से भूकंप आया था और महाराष्‍ट्र के कोल्‍हापुर में बुधवार की सुबह 3.4 की तीव्रता का झटका दर्ज किया गया था. गनीमत रही कि इस बीच कहीं से भी अप्रिय घटना घटने की खबर नहीं आयी.

कैसे आता है भूकंप

दरअसल ये पृथ्‍वी टैक्टोनिक प्लेटों पर स्थित है. इसके नीचे तरल पदार्थ लावा है. ये प्लेट्स जो लगातार तैरती रहती हैं और कई बार आपस में टकरा जाती हैं. बार-बार टकराने से कई बार प्लेट्स के कोने मुड़ जाते हैं और ज्‍यादा दबाव पड़ने पर ये प्‍लेट्स टूटने लगती हैं. ऐसे में नीचे से निकली ऊर्जा बाहर की ओर निकलने का रास्‍ता खोजती है. इससे जो हलचल होती है वही भूकंप बन जाता है. भूकंप का केंद्र सतह से जितना नजदीक होता है तबाही उतनी ज्यादा होती है.

क्‍या है रिक्‍टर स्‍केल का गणित

भूंकप के झटके कितने तेज हैं या हल्‍के हैं, इसकी जांच रिक्टर स्केल से की जाती है. रिक्‍टर स्‍केल भूकंप की तरंगों की तीव्रता मापने का एक गणितीय पैमाना होता है, इसे रिक्टर मैग्नीट्यूड टेस्ट स्केल कहा जाता है. रिक्टर स्केल पर भूकंप को इसके केंद्र यानी एपीसेंटर से 1 से 9 तक के आधार पर मापा जाता है. ये स्‍केल भूकंप के दौरान धरती के भीतर से निकली ऊर्जा के आधार पर तीव्रता को मापता है.

0-1.9 रिक्टर स्केल में बहुत ही हल्के झटके होते हैं, जिसका आकलन सिर्फ सिस्मोग्राफ से ही लगाया जा सकता है.

2-2.9 रिक्टर स्केल में हल्का कंपन महसूस होता है.

3-3.9 रिक्टर स्केल में ऐसा लगता है कि कोई तेज ट्रक आपके नजदीक से गुजरा हो.

4-4.9 रिक्टर स्केल में दीवारों पर दरारें और घरों की खिड़कियां टूट सकती हैं.

5-5.9 रिक्टर स्केल में फर्नीचर समेत सामान तक हिल सकते हैं.

6-6.9 रिक्टर स्केल में इमारतों की नींव में दरक आ सकती है.

7-7.9 रिक्टर स्केल में इमारतें गिर जाती हैं.

8-8.9 रिक्टर स्केल में इमारतों सहित पुल भी गिर जाते हैं. 

9 और उससे ज्यादा के रिक्टर स्केल से बहुत बड़ी तबाही मच सकती है.

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