शुक्रवार 3 नवंबर 2023 को देर रात 11:54 मिनट पर नेपाल में आए 6.4 तीव्रता के भूकंप ने वहां काफी तबाही मचाई है. वहां अब तक 128 लोगों की मौत की खबर है. वहीं 1000 से ज्‍यादा लोग घायल हो चुके हैं. बताया जा रहा है कि भूकंप के कारण ज्यादातर लोगों की मौत रुकुम पश्चिम और जाजरकोट में हुई है. इन हालातों को देखते हुए नेपाल के प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल 'प्रचंड' फिलहाल भूकंप प्रभावित इलाकों के लिए रवाना हो चुके हैं. 

दिल्ली-एनसीआर समेत उत्तर भारत में भी भूकंप के झटके

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बता दें कि नेपाल में शुक्रवार रात 6.4 तीव्रता का जोरदार भूकंप आया. भूकंप का केंद्र नेपाल में अयोध्या से लगभग 227 किलोमीटर उत्तर और काठमांडू से 331 किलोमीटर पश्चिम उत्तर-पश्चिम में 10 किलोमीटर की गहराई में था. तबाही मचाने वाले भूकंप का अंदाजा इस बात से ही लगाया जा सकता है कि उसका असर दिल्ली-एनसीआर समेत पूरे उत्तर भारत में देखा गया. भूकंप के झटके उत्‍तर प्रदेश, बिहार, उत्‍तराखंड, हरियाणा और मध्य प्रदेश के तमाम इलाकों तक महसूस किए गए. 

नेपाल में राहत-बचाव कार्य जारी

फिलहाल के पीएम  पुष्प कमल दहल 'प्रचंड'  भूकंप प्रभावित क्षेत्रों में तत्काल बचाव, खोज और राहत के लिए सेना की 16 चिकित्सा टीमों और आवश्यक सामग्रियों के साथ प्रभावित क्षेत्र के लिए रवाना हो गए हैं. वहां राहत बचाव कार्य जारी है. सरकार, सुरक्षा एजेंसियों से लेकर राजनीतिक दल और स्थानीय युवा तक राहत और बचाव के काम में लगे हुए हैं. नेपाल में सभी हेली-ऑपरेटरों को तैयार रहने के लिए कहा गया है.

क्‍यों आता है भूकंप

दरअसल ये पृथ्‍वी टैक्टोनिक प्लेटों पर स्थित है. इसके नीचे तरल पदार्थ लावा है. ये प्लेट्स जो लगातार तैरती रहती हैं और कई बार आपस में टकरा जाती हैं. बार-बार टकराने से कई बार प्लेट्स के कोने मुड़ जाते हैं और ज्‍यादा दबाव पड़ने पर ये प्‍लेट्स टूटने लगती हैं. ऐसे में नीचे से निकली ऊर्जा बाहर की ओर निकलने का रास्‍ता खोजती है और इस डिस्‍टर्बेंस के बाद भूकंप आता है.