Earthquake in Bihar: अररिया में हिली धरती, बिहार में रहते हैं तो जान लें कौन-सा जिला भूकंप के लिहाज से कितना संवेदनशील
बुधवार की सुबह करीब 5 बजकर 35 मिनट पर बिहार के अररिया में भूकंप के झटकों को महसूस किए गए हैं. अगर आप भी बिहार के रहने वाले हैं, तो जानिए कि आपका कौन सा जिला भूकंप के लिहाज से कितना संवेदनशील माना जाता है.
पिछले कुछ समय से दुनिया के तमाम हिस्सों में भूकंप के मामले सामने आ रहे हैं. ताजा मामला बिहार का है. बुधवार की सुबह करीब 5 बजकर 35 मिनट पर बिहार के अररिया में भूकंप के झटकों को महसूस किए गए. भूकंप की तीव्रता रिक्टर स्केल पर 4.3 मापी गई और भूकंप का केंद्र धरती के 10 किलोमीटर अंदर बताया जा रहा है. इसके अलावा पश्चिम बंगाल के सिलीगुड़ी में भी भूकंप के झटके महसूस किए गए. बता दें कि इससे पहले 21 मार्च को राजधानी दिल्ली और एनसीआर में भी भूकंप के झटके महसूस हुए थे. अगर आप बिहार के रहने वाले हैं, तो जानिए कि आपका कौन सा जिला भूकंप के लिहाज से कितना संवेदनशील माना जाता है.
पहले जानिए भूकंप क्यों आता है?
दरअसल ये पृथ्वी टैक्टोनिक प्लेटों पर स्थित है. इसके नीचे तरल पदार्थ लावा है. ये प्लेट्स जो लगातार तैरती रहती हैं और कई बार आपस में टकरा जाती हैं. बार-बार टकराने से कई बार प्लेट्स के कोने मुड़ जाते हैं और ज्यादा दबाव पड़ने पर ये प्लेट्स टूटने लगती हैं. ऐसे में नीचे से निकली ऊर्जा बाहर की ओर निकलने का रास्ता खोजती है और इससे इन प्लेटों में असंतुलन पैदा होता है और इससे भूकंप आता है. इसके अलावा कई बार हिमखंड या शिलाओं के खिसकने से भी भूकंप पैदा होता है.
कैसे पता चलता है कि कौन सा इलाका संवेदनशील?
भूकंप के लिहाज से कौन सा इलाका संवेदनशील है, इसके लिए सिस्मिक जोन बनाए गए हैं. सिस्मिक जोन का मतलब है उच्च जोखिम वाले भूकंपीय क्षेत्र यानी वो जगह जहां भूकंप आने की संभावना बहुत ज्यादा होती है. भारत में भूकंप की संवेदनशीलता को देखते हुए इसे 2 से लेकर 5 तक के जोन में बांटा गया है. आप जिस इलाके में रहते हैं, वहां के स्ट्रक्चर के आधार पर उस इलाके को भूकंप की दृष्टि से खतरनाक और कम खतरनाक जोन में बांटा जाता है.
कौन सा सिस्मिक जोन सबसे खतरनाक
इसमें सबसे ज्यादा संवेदनशील सिस्मिक जोन 5 है, जहां आठ से नौ तीव्रता वाले भूकंप के आने की आशंका रहती है. हाल ही में जिस अररिया में भूकंप आया है, वो सिस्मिक जोन 5 का हिस्सा है. इसके बाद सिस्मिक जोन 4 को खतरना माना जाता है. वहां भूकंप की तीव्रता 7 या उससे ज्यादा होने की भी आशंका होती है. वहीं सिस्मिक जोन 3 में भूकंप की तीव्रता 7 तक या उससे कम होती है और सिस्मिक जोन 2 को बेहद कम खतरनाक जोन माना जाता है. यहां 4.9 तीव्रता तक का भूकंप आ सकता है.
किस सिस्मिक जोन में बिहार का कौन सा जिला?
बिहार राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के हिसाब से बिहार के ज्यादातर जिले सिस्मिक जोन 5 और 4 में आते हैं. आप भी बिहार में रहते हैं तो आपको ये जरूर मालूम होना चाहिए कि आपका जिला किसी सिस्मिक जोन में आता है-
Seismic Zone 5: मधुबनी, सुपौल, सहरसा, अररिया, सीतामढ़ी, मधेपुरा, दरभंगा और किशनगंज.
Seismic Zone 4: पूवी और पश्चिमी चंपारण, गोपालगंज, सिवान, सारण, मुजफ्फरपुर, वैशाली, पटना, समस्तीपुर, नालंदा, बेगूसराय, पूर्णिया, कटिहार, मुंगेर, भागलपुर, लखीसराय, जमुई बांका और खगड़िया.
Seismic Zone 3: बक्सर, रोजपुर, रोहतास, कैमूर, औरंगाबाद, जहानाबाद, नवादा, अरवल और गया.