दिवाली का त्‍योहार आज 31 अक्‍टूबर को मनाया जा रहा है. इस दिन भगवान गणेश और माता लक्ष्‍मी की पूजा की जाती है. उसके बाद पूरे घर को दीपक से रौशन किया जाता है. मान्‍यता है कि इस दिन मां लक्ष्‍मी धरती पर विचरण करती हैं, ऐसे में उनकी कृपा पाने के लिए हर कोई प्रयास करता है. ज्‍योतिषाचार्य डॉ. अरविंद मिश्र का कहना है कि दीपावली माता लक्ष्‍मी को प्रसन्‍न करने का विशेष दिन है. अगर उनकी कृपा प्राप्‍त हो जाए तो घर में कभी धन-धान्‍य की कमी नहीं होती. 

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अगर आप भी माता की कृपा के पात्र बनना चाहते हैं तो दिवाली के दिन घर को साफ सुथरा रखें, आंगन में रंगोली बनाएं और घर को सुंदर का सजाकर माता के आगमन की तैयारी करें. इसके अलावा रात में गणेश-लक्ष्‍मी पूजा के बाद 8 जगहों पर घी के दीपक जरूर रखें. मान्‍यता है कि इन जगहों पर माता का वास होता है. दिवाली की रात यहां दीपक रखने से घर में हमेशा बरकत बनी रहती है. 

इन 8 जगहों पर जरूर रखें दीपक

- दिवाली की रात घर के मुख्य द्वार पर दीपक रखें क्‍योंकि यहीं से माता लक्ष्‍मी का आगमन होता है. साथ ही द्वार को साफ सुथरा रखें और फूलों, रंगोली आदि से सजाएं. माता लक्ष्‍मी को ये चीजें बेहद प्रिय हैं. 

- दिवाली की शाम को पूजन के बाद भंडार गृह में दीपक जरूर जलाना चाहिए, भंडार गृह माता लक्ष्‍मी के स्‍थानों में से एक माना गया है. अगर ऐसा किया जाए तो घर में अन्‍न की कभी कोई कमी नहीं रहती. 

- धन का मतलब लक्ष्‍मी से होता है. जिस स्‍थान पर आपका धन रखा जाता है, वो स्‍थान माता लक्ष्‍मी का होता है. उस जगह पर पूजा के बाद एक दीपक जरूर रखें. इससे माता लक्ष्‍मी प्रसन्‍न होती हैं और घर में धन की कभी 

- आप जिस वाहन को चलाते हैं, वो भी आपकी संपत्ति का ही हिस्‍सा है. उसके पास में भी एक दीपक जरूर रखें. इससे माता लक्ष्‍मी की कृपा रहती है. 

- नल, कुआं या कोई अन्य पानी के स्रोत घर के पास है, तो उसके पास दीपक जरूर जलाना चाहिए. माता लक्ष्‍मी को प्रकृति का रूप कहा गया है. ऐसे में जल प्रकृति का हिस्‍सा है. जल नहीं तो जीवन नहीं.

- अगर आपके घर के पास कोई मंदिर है तो वहां एक दीपक जरूर रखें. इससे भगवान का आशीर्वाद हमेशा आपके साथ रहेगा. अगर मंदिर नहीं है तो इस दीपक को घर के मंदिर में ही रख दें.

- पीपल के वृक्ष में 33 कोटि देवताओं का वास होता है. पीपल को नारायण का स्‍वरूप भी माना जाता है. गीता में श्रीकृष्‍ण ने स्‍वयं कहा है कि वृक्षों में मैं पीपल हूं. पीपल के वृक्ष के नीचे दीपक रखने से माता लक्ष्‍मी बेहद प्रसन्‍न रहती हैं क्‍योंकि वो दीपक नारायण को समर्पित होता है.

- एक दीपक घर के आंगन में मौजूद तुलसी के पौधे के पास रखना चाहिए. तुलसी के पौधे को माता लक्ष्‍मी का रूप माना गया है. इससे माता लक्ष्‍मी और नारायण दोनों की कृपा प्राप्‍त होती है.