Devshayani Ekadashi का व्रत आज रखा जाएगा. इस एकादशी को शास्‍त्रों में विशेष महत्‍व दिया गया है क्‍योंकि इस एकादशी से ही भगवान विष्‍णु के शयनकाल की शुरुआत होती है और ये शयनकाल देवउठनी एकादशी पर खत्‍म हो जाता है. भगवान विष्‍णु के शयनकाल के समय को चातुर्मास (Chaturmas 2023) कहा जाता है क्‍योंकि ये आमतौर पर 4 महीनों का होता है.

COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

आज हरिशयनी एकादशी (Hari Shayani Ekadashi) के साथ चातुर्मास भी शुरू हो रहा है. लेकिन इस बार चातुर्मास 4 महीनों का न होकर 5 महीनों तक रहेगा क्‍योंकि अधिक मास (Adhik Mass) के कारण इस साल सावन करीब दो माह का पड़ रहा है. चातुर्मास के दौरान तमाम शुभ कामों पर रोक लग जाती है और कुछ नियमों का पालन करने के लिए कहा गया है. आइए आपको बताते हैं कि इस साल चातुर्मास कब से कब तक रहेगा और शास्‍त्रों में इसका क्‍या महत्‍व है.

कब से कब तक रहेगा चातुर्मास

ज्‍योतिषाचार्य डॉ. अरविंद मिश्र के अनुसार चातुर्मास देवशयनी एकादशी से शुरू हो जाता है और ये देवउठनी एकादशी पर खत्‍म होता है. ऐसे में आज 29 जून से चातुर्मास की शुरुआत हो जाएगी और ये 23 नवंबर को देव उठनी एकादशी के साथ समाप्त होगा. इस तरह करीब 5 महीने तक चातुर्मास रहेगा. वहीं सावन के महीने की बात करें तो ये 4 जुलाई को शुरू होगा और 31 अगस्‍त को खत्‍म होगा. इसमें 18 जुलाई से 16 अगस्त तक अधिक मास रहेगा. इस तरह सावन 58 दिनों का होगा. ये दुर्लभ संयोग करीब 19 साल बाद बन रहा है. 

चातुर्मास का महत्‍व

माना जाता है चातुर्मास के दौरान भगवान विष्‍णु योगनिद्रा में रहते हैं. इस बीच धरती के संचालन का जिम्‍मा भगवान शिव के पास होता है. देवशयन के कारण इस महीने में तमाम शुभ काम जैसे मुंडन, गृहप्रवेश, शादी, सगाई आदि पर रोक लग जाती है. जब देवउठनी एकादशी पर देव जागरण होता है, उस दिन से शुभ काम फिर से शुरू हो जाते हैं. चातुर्मास के समय को जप, तप, दान-पुण्‍य आदि कार्यों के लिए काफी शुभ माना जाता है. इसके अलावा चातुर्मास का समय मौसम परिवर्तन का होता है. इस अवधि में ही सावन का महीना आता है और बारिश के खत्‍म होने के बाद सर्दियों की शुरुआत होती है. मौसम बदलाव के चलते इम्‍यूनिटी कमजोर हो जाती है और बीमारियों और संक्रमण का रिस्‍क बढ़ जाता है. इसलिए चातुर्मास के दौरान कुछ नियमों का पालन करने के लिए कहा जाता है.

चातुर्मास में इन नियमों का करें पालन

  • इन पांच महीनों में मसालेदार, चिकनाईयुक्‍त गरिष्‍ठ भोजन नहीं करना चाहिए. नॉनवेज, शराब आदि से परहेज करना चाहिए. जितना सात्विक भोजन करें, उतना अच्‍छा है.
  • दूध, दही, छाछ आदि डेयरी प्रोडक्‍ट्स, बैंगन, भिंडी, मूली, गोभी, पालक और अन्‍य साग आदि खाने से परहेज करना चाहिए.
  • खाने में साधारण नमक की बजाय सेंधा नमक का इस्‍तेमाल करना चाहिए.
  • चातुर्मास के दौरान एक संयमित जीवन जीने का अभ्‍यास करें. सुबह जल्‍दी उठें और रात को जल्‍दी सोएं. वाणी को संयमित रखें और सोच-समझकर बात करें.

Zee Business Hindi Live TV यहां देखें