Earthquake in Taiwan 2024: ताइवान में आज बुधवार को ऐसा भूकंप आया है, जिसने दुनियाभर को हिलाकर रख दिया. भूकंप के ये झटके पूरे देश में आसपास के द्वीपों पर महसूस किए गए हैं. ये 25 सालों के बाद अब तक का देश में आया सबसे शक्तिशाली भूकंप बताया जा रहा है. ताइवान की राजधानी ताइपे में रिक्टर स्‍केल पर भूकंप की तीव्रता 7.2 मापी गई. 

COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

भूकंप की वजह से ताइवान में काफी तबाही हुई है. सोशल मीडिया पर कई ऐसे वीडियो सामने आए हैं, जिसमें इमारतों को ताश के पत्‍तों की तरह ढहते हुए देखी जा सकती हैं. इस भूकंप में 50 से ज्‍यादा लोग घायल हुए हैं और तमाम लोगों के फंसे होने की खबर है. वहीं फिलहाल 1 शख्‍स की मौत की बात सामने आयी है. लेकिन क्‍या आप जानते हैं कि दुनिया का सबसे खतरनाक भूकंप कौन सा था? आइए आपको बताते हैं-

इस भूकंप ने ली थीं 8 लाख 30 हजार लोगों की जान

कैजुएलिटी के लिहाज से देखें तो अब तक का सबसे खतरनाक भूकंप 23 जनवरी 1556 में चीन में आया था. इस भूकंप ने 830,000 लोगों की जानें ले ली थीं. रिक्टर स्केल पर इस भूकंप की 8 तीव्रता मापी गई थी, लेकिन इस भूकंप ने भारी तबाही मचाई थी. इसके कारण तमाम इलाके मिट्टी में मिल गए थे. कई क्रत्रिम गुफाएं ढह गई थीं. उन गुफाओं में सो रहे लोग जिंदा दफन होकर रह गए थे. वहीं तमाम गुफाएं भूस्‍खलन से नष्‍ट हो गईं. कहा जाता है कि इस भूकंप से प्रभावित इलाकों में से 60 प्रतिशत तक जनसंख्या खत्म हो गई थी. चीन का ये भूकंप शानक्सी भूकंप (Shaanxi Earthquake) के नाम से जाना जाता है. हालांकि तीव्रता के लिहाज से धरती में इससे भी तेज भूकंप आ चुके हैं.

तीव्रता के लिहाज से सबसे ताकतवर भूकंप

तीव्रता के लिहाज से अब तक का सबसे ताकतवर भूकंप चिली का माना जाता है. ये भूकंप 22 मई 1960 को चिली के वाल्डिविया में रिक्टर स्केल पर 9.5 तीव्रता के साथ आया था और इसने भारी तबाही मचाई थी. कहते हैं कि इस भूकंप की ताकत 1 हजार एटम बम के बराबर थी. इस भूकंप में करीब 6 हजार से ज्यादा लोगों की मौत हुई थी, जबकि लाखों लोग बेघर हो गए थे. 

भारत में अब तक का सबसे विनाशकारी भूकंप

भारत में अब तक का सबसे विनाशकारी भूकंप बिहार में आया था. ये 15 जनवरी 1934 में बिहार में आया था. इस भूकंप की तीव्रता 8.1 मापी गई थी. इसमें करीब 30,000 लोगों ने अपनी जान गंवाई थी. इस भूकंप को आज की पीढ़ी ने भले ही नहीं देखा, लेकिन बिहार में इसे आज भी लोग नहीं भूल पाए हैं. वहीं भारत में दूसरा सबसे विनाशकारी भूकंप गुजरात के भुज का माना जाता है. रिक्‍टर स्‍केल पर इसकी तीव्रता 7.6 थी. इस भूकंप ने भी भारी तबाही मचाई थी. इसमें करीब 20,000 से अधिक लोग मारे गए थे और काफी लोग बेघर हो गए थे.

कितनी तीव्रता वाला भूकंप होता है खतरनाक

हर भूकंप की तीव्रता को अलग कैटेगरी में रखा जाता है. 2.5 से 5.4 तीव्रता वाले भूकंप माइनर कैटेगरी में होते हैं. 5.5 से 6 तीव्रता वाले भूकंप को हल्का खतरनाक भूकंप माना जाता है. इसमें मामूली नुकसान होने की संभावना जताई जाती है. अगर 6 से 7 तीव्रता का भूकंप आता है तो ज्यादा जनसंख्या वाले क्षेत्र में डैमेज हो सकता है. वहीं, 7 से 7.9 के भूकंप को खतरनाक माना जाता है, जिसमें बिल्डिंग्स में दरार या उनके गिरने की आशंका रहती है. इससे ऊपर की तीव्रता वाले सभी भूकंप को बेहद खतरनाक कैटेगरी में रखा जाता है.

क्‍यों आता है भूकंप

दरअसल ये पृथ्‍वी टैक्टोनिक प्लेटों पर स्थित है. इसके नीचे तरल पदार्थ लावा है. ये प्लेट्स जो लगातार तैरती रहती हैं और कई बार आपस में टकरा जाती हैं. बार-बार टकराने से कई बार प्लेट्स के कोने मुड़ जाते हैं और ज्‍यादा दबाव पड़ने पर ये प्‍लेट्स टूटने लगती हैं. ऐसे में नीचे से निकली ऊर्जा बाहर की ओर निकलने का रास्‍ता खोजती है और इस डिस्‍टर्बेंस के बाद भूकंप आता है.

कैसे मापी जाती है भूकंप की तीव्रता

भूंकप की जांच रिक्टर स्केल से की जाती है. रिक्‍टर स्‍केल भूकंप की तरंगों की तीव्रता मापने का एक गणितीय पैमाना होता है, इसे रिक्टर मैग्नीट्यूड टेस्ट स्केल कहा जाता है. रिक्टर स्केल पर भूकंप को इसके केंद्र यानी एपीसेंटर से 1 से 9 तक के आधार पर मापा जाता है. ये स्‍केल भूकंप के दौरान धरती के भीतर से निकली ऊर्जा के आधार पर तीव्रता को मापता है.