भारत में हर साल डेंगू के मामले देखने को मिलते हैं. हर साल हजारों लोग डेंगू के शिकार होते हैं और सैकड़ों लोगों को इस बीमारी के कारण अपनी जान गंवानी पड़ती है. साल 2021 में डेंगू के कारण 346 लोगों की मौत हो गई थी, वहीं साल 2022 में इसके कारण 303 मौतें हुईं थीं. इस साल के आंकड़ों पर नजर डालें तो भारत में डेंगू से मौत का आंकड़ा 98 पार हो गया है. सबसे ज्यादा 38 मौतें केरल में रिपोर्ट हुईं, इसके बाद दूसरे नंबर पर उत्तर प्रदेश में 14 मौतें डेंगू से हो चुकी हैं.

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देश के करीब-करीब हर राज्य में डेंगू बुखार के केस लगातार बढ़ने के बाद बुधवार को स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने भी हाई लेवल मीटिंग की. इस दौरान उन्‍होंने अधिकारियों को पूरी तरह से मुस्तैद रहने और डेंगू की रोकथाम, नियंत्रण और प्रबंधन उपायों को मजबूत करने का निर्देश दिया. डेंगू के लिए जरूरी दवाएं और एलिसा टेस्टिंग किट पर्याप्त मात्रा में खरीदने के लिए कहा. साथ ही सभी राज्यों को कहा गया है कि अपने इलाके में मच्छरों की ब्रीडिंग रोकने के लिए इंतजामों को तेज करें.

बता दें कि भारत में इस साल डेंगू के सबसे ज्यादा मामले केरल में दर्ज हुए हैं. 10000 से ज्यादा मामले केरल से रिपोर्ट हुए हैं. इसके बाद महाराष्ट्र जहां 9000 से ज्यादा मामले रिपोर्ट हुए हैं और असम में भी 6000 से ज्यादा मामले 24 सितंबर के डाटा आने तक रिपोर्ट किए जा चुके हैं. 

किस मौसम में बढ़ते हैं डेंगू के मामले

एम्स के हेल्थ बुलेटिन के अनुसार, डेंगू रोग हर साल बारिश के मौसम में आता है क्‍योंकि इस बीच जगह-जगह पानी इकट्ठा होने के कारण मच्‍छर ज्‍यादा पनपते हैं. जुलाई से अक्टूबर में इसके मामले सबसे ज्यादा बढ़ते हैं. इसके बाद जब तापमान 24 डिग्री से नीचे जाता है तो डेंगू मच्छर का लार्वा पनप नहीं पाता और इसके केस कम होने लगते हैं.

क्‍या सिर्फ भारत में ही है डेंगू

सेंटर्स फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन के अनुसार, डेंगू संक्रमण दुनिया भर के 100 से अधिक देशों में होने वाली एक आम समस्या है और लगभग 3 बिलियन लोग डेंगू से प्रभावित क्षेत्रों में रहते हैं. इनमें भारत और दक्षिण पूर्व एशिया के अन्य भाग, चीन, अफ्रीका, ताइवान और मैक्सिको शामिल हैं. डब्ल्यूएचओ की एक रिपोर्ट बताती है कि हर साल दुनियाभर में 100-400 मिलियन को डेंगू का इंफेक्शन होता है.

डेंगू के लक्षण 

डेंगू के लक्षण हल्‍के और गंभीर दोनों हो सकते हैं. संक्रमित होने के बाद डेंगू के हल्के लक्षण चार से सात दिनों के अंदर नजर आने लगते हैं. जानिए लक्षण-

  • सिरदर्द
  • मांसपेशियों, हड्डियों और जोड़ों में दर्द
  • उल्टी
  • जी मिचलाना
  • आंखों में दर्द होना
  • त्वचा पर लाल चकत्ते होना
  • ग्लैंड्स में सूजन होना

डेंगू गंभीर होने पर लक्षण

डेंगू का मामला गंभीर होने पर Dengue Haemorrhagic Fever का खतरा बढ़ता है और शरीर में प्‍लेटलेट्स काउंट कम होने लगते हैं. ऐसे में ये लक्षण सामने आ सकते हैं-

  • तेज पेट दर्द
  • लगातार उल्टी होना
  • मसूड़ों या नाक से रक्तस्राव
  • मूत्र, मल या उल्टी में खून आना
  • त्वचा के नीचे रक्तस्राव होना, जो चोट जैसा नजर आ सकता है
  • सांस लेने में कठिनाई
  • थकान महसूस करना
  • चिड़चिड़ापन या बेचैनी

ऐसे करें बचाव

  • घरों में कूलर आदि तमाम जगहों पर पानी जमा न होने दें. हफ्ते में कम से कम दो बार इसे बदलें.
  • पीने का पानी किसी बर्तन में जमा है तो उस बर्तन को हमेशा ढककर रखें.
  • फुल बाजू के कपड़े पहनें और बच्‍चों और बुजुर्गों को खासतौर पर पहनाएं.
  • सोते समय मच्छरदानी का या मॉस्किटो रेपलेंट्स का इस्तेमाल करें.
  • घर की खिड़की और दरवाजों को खुला न रखें. वेंटिलेशन के लिए उनमें जाली लगवाएं.
  • किसी भी तरह के लक्षण दिखें तो विशेषज्ञ को दिखाएं, खुद किसी की सलाह से दवा न लें.

ये 5 चीजें प्‍लेटलेट्स बढ़ाने में मददगार

  • नेचुरोपैथी विशेषज्ञ डॉ. रमाकान्‍त शर्मा के अनुसार पपीते के पत्‍ते का रस प्‍लेटलेट्स बढ़ाने में मददगार माना जाता है. 
  • कीवी को इस मामले में काफी मददगार फल माना जाता है. इस फल को भी खाने से प्‍लेटकाउंट तेजी से बढ़ता है.
  • जवारे के रस को भी इस मामले में काफी फायदेमंद माना जाता है. आप चाहें तो घर में जवारे उगाकर इसका रस बनाकर पी सकते हैं. 5 से 6 दिन में जवारे उग आते हैं.
  • चुकंदर को सलाद के तौर पर खाएं और गाजर-चुकंदर व लौकी का रस निकालकर मरीज को दें. इससे भी काफी लाभ मिलता है.
  • कोरोना काल में गिलोय काफी चलन में आया था. गिलोय का काढ़ा डेंगू में भी मददगार माना गया है. प्‍लेटलेट्स को गिरने से रोकने के साथ ये इम्‍युनिटी को भी बढ़ाता है.
  • डेंगू के मामले में किसी भी तरह की लापरवाही करना ठीक नहीं, फौरन विशेषज्ञ को दिखाएं और उनकी सलाह से ही कोई दवा लें या उपचार करें.

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