Dada Saheb Phalke Award: केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्‍णव ने सोमवार को सोशल मीडिया पर ये घोषणा की कि इस साल वेटरन एक्‍टर मिथुन चक्रवर्ती (Mithun Chakraborty) को दादा साहेब फाल्के पुरस्कार (Dadasaheb Phalke Award) से सम्‍मानित किया जाएगा. मिथुन दा को 8 अक्टूबर को 70वीं नेशनल फिल्म अवॉर्ड सेरेमनी में सम्मानित किया जाएगा. बता दें कि दादा साहेब फाल्‍के पुरस्‍कार फिल्‍म इंडस्‍ट्री के प्रतिष्ठित पुरस्‍कारों में से एक है. बीते साल ये पुरस्‍कार वेटरन एक्ट्रेस वहीदा रहमान को दिया गया था. आइए आपको बताते हैं कि कौन थे दादा साहेब जिनके नाम पर ये पुरस्‍कार दिया जाता है और इसके प्राइज में क्‍या-क्‍या शामिल होता है और मिथुन चक्रवर्ती से पहले ये अवॉर्ड किस-किस को मिल चुका है.

कौन थे दादा साहेब फाल्‍के

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दादा साहेब फाल्‍के उर्फ धुंडीराज गोविंद फाल्के को भारतीय सिनेमा के जनक कहा जाता है. जब सिनेमा का कोई अस्तित्‍व नहीं था, उस समय उन्‍होंने सिनेमा की दुनिया में कदम रखा था. साल 1913 में उन्‍होंने पहली फीचर फिल्‍म 'राजा हरिश्‍चंद्र' का निर्माण किया था. कहा जाता है कि इस फिल्‍म के लिए उन्‍होंने 15,000 रुपए खर्च किए थे, जो उस समय बहुत बड़ी राशि हुआ करती थी. उन्‍होंने फिल्‍मों को नई पहचान दिलाई. उनके योगदान को देखकर भारत सरकार ने दादा साहेब फाल्‍के पुरस्‍कार की शुरुआत की. दादा साहेब पुरस्‍कार को सर्वोच्‍च सिनेमा सम्‍मान माना जाता है. आज फिल्‍मी दुनिया के हर कलाकार का सपना होता है कि उसे उसकी कला के लिए एक दिन दादा साहेब फाल्‍के पुरस्‍कार से सम्‍मानित किया जाए. 

प्राइज में क्‍या-क्‍या होता है शामिल

दादा साहे‍ब पुरस्‍कार‍ फिल्‍मी दुनिया का सबसे बड़ा सम्‍मान माना जाता है. अवॉर्ड विनर को एक स्‍वर्ण कमल पदक के साथ एक प्र‍शस्ति पत्र दिया जाता है. भारत के राष्‍ट्रपति विजेता को शॉल ओढ़ाकर सम्‍मानित करते हैं. इसमें प्राइज मनी भी दी जाती है जो समय-समय पर बदलती रहती है. पहले इसमें 10,00,000 रुपए की प्राइज मनी दी जाती थी, लेकिन साल 2022 में इसे बढ़ाकर 15,00,000 रुपए कर दिया गया. मिथुन दा इस बढ़ी हुई राशि को पाने वाले पहले अभिनेता होंगे.

अब तक किस-किस को मिल चुका है ये अवॉर्ड

वहीदा रहमान: 2021 

आशा पारेख: 2020 

रजनीकांत: 2019 

अमिताभ बच्चन: 2018 

विनोद खन्ना: 2017 

कासीनथुनी विश्वनाथ: 2016 

मनोज कुमार: 2015 

शशि कपूर: 2014 

गुलज़ार: 2013 

प्राण: 2012 

सौमित्र चटर्जी: बंगाली 

के बालाचंदर: 2010 

डी रामानायडू: 2009 

वीके मूर्ति: 2008 

मन्ना डे: 2007 

तपन सिन्हा: 2006 

श्याम बेनेगल: 2005 

अडूर गोपालकृष्णन: 2004 

मृणाल सेन: 2003 

देव आनंद: 2002 

यश चोपड़ा: 2001 

आशा भोसले: 2000 

ऋषिकेश मुखर्जी: 1999 

बीआर चोपड़ा: 1998 

कवि प्रदीप: 1997 

शिवाजी गणेशन: 1996 

राजकुमार: 1995 

दिलीप कुमार: 1994 

मजरूह सुल्तानपुरी: 1993 

भूपेन हजारिका: 1992 

भालजी पेंढारकर: 1991 

अक्किनेनी नागेश्वर राव: 1990 

लता मंगेशकर: 1989 

अशोक कुमार: 1988 

राज कपूर: 1987 

बी नागी रेड्डी: 1986 

वी शांताराम: 1985 

सत्यजीत रे: 1984 

दुर्गा खोटे: 1983 

एलवी प्रसाद: 1982 

नौशाद: 1981 

पैदी जयराज: 1980 

सोहराब मोदी: 1979 

रायचंद बोराल: 1978 

नितिन बोस: 1977 

कानन देवी: 1976 

धीरेंद्र नाथ गांगुली: 1975 

बोम्मीरेड्डी नरसिम्हा रेड्डी: 1974

रूबी मायर्स: 1973 

पंकज मलिक: 1972 

पृथ्वीराज कपूर: 1971 

बीरेंद्रनाथ सरकार: 1970 

देविका रानी: 1969