Cyclone Alert: गुजरात में कुदरत का कहर- अभी और बिगड़ सकते हैं हालात... मौसम विभाग ने जारी किया ये अलर्ट
गुजरात में मूसलाधार बारिश के चलते हर जगह पर तबाही का मंजर है. ऐसे में मौसम विभाग ने चिंता को और बढ़ा दिया है. मौसम विभाग के मुताबिक डीप डिप्रेशन के चलते गुजरात में भारी बारिश हो रही है, अब इसी के चलते अरब सागर में साइक्लोन बनने की संभावना है.
गुजरात में लगातार हो रही मूसलाधार बारिश के चलते बुरा हाल है. इसके कारण कई जगहों पर बाढ़ की स्थिति पैदा हो गई है. इस वजह से वहां नेशनल और स्टेट हाइवे, पंचायत सड़कें और अन्य सड़कें मिलाकर 900 से ज्यादा सड़कें बंद हैं. इन हालातों के चलते बीते 4 दिनों में 32 लोगों की मौत हो चुकी है और 4 दिनों में 32933 लोगों को सुरक्षित जगह स्थानांतरित किया गया है.
इन हालातों के बीच मौसम विभाग ने चिंता को और बढ़ा दिया है. मौसम विभाग के अनुसार आज सौराष्ट्र और कच्छ के ऊपर बना गहरे दबाव (Deep Depression) का क्षेत्र पूर्वी अरब सागर में चक्रवाती तूफान में बदल सकता है. मौसम विभाग के अनुसार डीप डिप्रेशन अब अरब सागर में दाखिल होने जा रहा है. जिससे कच्छ और सौराष्ट्र में तूफानी बारिश के आसार हैं. 1964 के बाद अरब सागर में अपनी तरह का ये पहला दुर्लभ तूफान है, जो जमीन के ऊपर पैदा हुआ है, अरब सागर के ऊपर कहर बरपाएगा.
इन जगहों पर होगा तूफान का सबसे ज्यादा असर
मौसम विभाग के मुताबिक डीप डिप्रेशन के चलते गुजरात में भारी बारिश हो रही है, अब इसी के चलते अरब सागर में साइक्लोन बनने की संभावना है. अभी तक ये सौराष्ट्र और कच्छ के ऊपर था, लेकिन अब ये पश्चिम की तरफ जाता दिख रहा है. इन हालातों के बीच मौसम विभाग ने गुजरात के तमाम शहरों में अगले 7 दिनों तक भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है. IMD की मानें तो इस तूफान का कच्छ, सौराष्ट्र और पाकिस्तान के तटीय इलाकों में सबसे ज्यादा असर होगा.
इन जगहों के लिए भारी बारिश का अलर्ट
मौसम विभाग ने आज के लिए कच्छ, सौराष्ट्र में भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है. कच्छ मोरबी, जामनगर और द्वारका के लिए तेज बारिश का ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है. राजकोट, पोरबंदर, जूनागढ़ में भी आज बारिश का येलो अलर्ट जारी किया है. वहीं राज्य के अन्य जिलों में हल्की से मध्यम बारिश की संभावना जताई गई है. बता दें गुजरात में बारिश के चलते हर तरफ तबाही का मंजर है. भारी बारिश से तमाम मकानों को नुकसान पहुंचा है. गुजरात की तमाम जगहों पर सेना, वायुसेना, नेवी और कोस्टगार्ड एवं स्थानीय पुलिस के जवानों की मदद से रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया जा रहा है.