COVID 19 के मामले में 19वें नंबर पर पहुंचा भारत, जानिए क्या वैक्सीन की चौथी डोज की है जरूरत?
COVID 19 JN.1 Sub Variant Case: कोविड 19 के JN.1 सब वेरिएंट के मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ रही है. केरल में सबसे ज्यादा केस रिपोर्ट हुए हैं. जानिए क्या है वैक्सीन के चौथे डोज लगाने की जरूरत.
COVID 19 JN.1 Sub Variant Case दुनिया भर में कोविड के मामले पिछले एक महीने से लगातार बढ़ रहे हैं. एक महीने में विश्व में 4,67,261 नए केस दर्ज किए जा चुके हैं. पिछले एक हफ्ते में भारत में भी कोविड इंफेक्शन की रफ्तार बढ़ी है. एक हफ्ते में ग्लोबल स्थिति में भारत 26वें नंबर से 19वें नंबर पर पहुंच चुका है. कुल केस के हिसाब से पहले नंबर पर रशियन फेडरेशन है।. भारत में इस वक्त कोरोनावायरस के एक्टिव मरीजों की संख्या 4 हजार से ज्यादा है. ऐसे में बहुत से लोग जानना चाहते हैं कि क्या कोरोना वैक्सीन की तीसरी या चौथी डोज लगवा लेनी चाहिए.
COVID 19 JN.1 Sub Variant Case JN.1 के मरीजों की संख्या बढ़ी, सबसे ज्यादा केरल में रिपोर्ट हुए केस
एम्स के एक्सपर्ट्स फिलहाल वैक्सीन ना लगाने की सलाह दे रहे हैं. कोरोना महामारी इस बार लंबी पारी खेलने आई है. कोरोना के नए वेरिेएंट JN.1 के मामले देश मे तेज़ी से बढ़ रहे हैं. 28 दिसंबर तक देश में कोविड के नए वेरिएंट JN.1 के 145 केस दर्ज किए जा चुके हैं. ये सभी सैंपल 21 नवंबर से 18 दिसंबर के बीच के हैं. इन 145 मामलों में से सबसे ज्यादा 41 केस केरल से रिपोर्ट हुए हैंय दूसरे नंबर पर गुजरात है जहां से 36 केस दर्ज किए जा चुके हैं.
COVID 19 JN.1 Sub Variant Case: भारत में कोरोना मरीजों की संख्या एक दिन में 800 के करीब
24 घंटे में कोरोना के मरीजों का आंकड़ा भी तेज़ी से बढ़ा है. कुल 798 केस रिपोर्ट हुए और 5 लोगों की मौत दर्ज की गई. केरल में दो और पुडुचेरी, तमिलनाडु और महाराष्ट्र से एक एक मौत दर्ज हुई है. भारत में इस समय कोरोना के एक्टिव मरीजों की संख्या 4091 है। हालांकि रिकवरी भी तेजी से हो रही है. रोजाना नए मरीजों की तुलना में रिकवर होने वाले मरीजों की संख्या ज्यादा है. इसलिए कुल मामलों में बढ़ोतरी तेजी से नहीं नजर आती.
COVID 19 JN.1 Sub Variant Case: नहीं है वैक्सीन की चौथी डोज की जरूरत, फॉलो करनी होगी सोशल डिस्टेंसिंग
एम्स में कोवैक्सीन के प्रिंसिपल इंवेस्टिगेटर और कम्युनिटी मेडिसिन विभाग के हेड डॉ संजय राय के मुताबिक भारतीयों में नए वेरिेएंट से नुकसान की आशंका कम ही लगती है. क्योंकि अस्पताल जाने वाले मरीजों की संख्या फिलहाल ना के बराबर है। लोगों को वैक्सीन से मिली इम्युनिटी और कोरोना के इंफेक्शन से मिली एंटीबॉ़डी से मिली सुरक्षा ही काफी है. ऐसे में ना तो बूस्टर डोज़ लगवाने की जरुरत है और ना किसी नई वैक्सीन की.हालांकि सोशल डिस्टेंसिंग और हाइजीन को हर वायरल फ्लू में फॉलो करना चाहिए.
डॉ संजय राय के मुताबिक नए साल में बारिश के अनुमान को देखते हुए लोगों को अपनी सेहत का खास ख्याल रखना चाहिए और सर्दी से बचना चाहिए. आपको बता दें कि कर्नाटक से 34, गोवा से 14, महाराष्ट्र से 9, राजस्थान से 4, तमिलनाडु से 4, तेलंगाना से 2 और दिल्ली से JN.1 का एक मामला रिपोर्ट हुआ है.