Why Choti Diwali Known as Narak Chaturdashi: आज 11 नवंबर को छोटी दिवाली का पर्व मनाया जाएगा. इस दिन को नरक चतुर्दशी और रूप चतुर्दशी के नाम से भी जाना जाता है. इस दिन भगवान श्रीकृष्‍ण की पूजा की जाती है, साथ ही लोग घर में साफ-सफाई करते हैं. शरीर को उबटन से साफ किया जाता है. इसके बाद घर को सजाया जाता है और शाम को यमदीप जलाया जाता है. आइए आपको बताते हैं कि छोटी दिवाली का ये दिन नरक चतुर्दशी (Narak Chaturdashi) और रूप चतुर्दशी (Roop Chaturdashi) के नाम से क्‍यों जाना जाता है और आज के दिन यमदीप जलाने का शुभ समय क्‍या है.

जानिए क्‍यों ये दिन कहलाता है रूप चतुर्दशी और नरक चतुर्दशी

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पौराणिक कथाओं के अनुसार कार्तिक मास की कृष्‍ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को भगवान श्रीकृष्‍ण ने नरकासुर नामक राक्षस का वध किया था. इस राक्षस ने देवताओं और ऋषियों को बहुत परेशान कर रखा था. 16,000 कन्‍याओं को बंधक बना लिया था. चतुर्दशी तिथि के दिन नरकासुर का वध होने के कारण इस दिन को नरक चतुर्दशी और नरक चौदस कहा गया.

नरकासुर के वध के बाद जब उसकी कैद में रहीं कन्‍याओं को मुक्ति मिली तो लोक-लाज के कलंक के डर से उन्‍होंने श्रीकृष्‍ण से कहा कि आपने हमें नरकासुर से तो बचा लिया, लेकिन समाज में अब हमें किस दृष्टि से देखा जाएगा. कौन हमसे विवाह करेगा. इसके बाद श्रीकृष्‍ण भगवान ने उन सभी को अपनी पत्‍नी का दर्जा दिया. इसके बाद उन सभी रानियों ने प्रसन्‍न होकर उबटन वगैरह लगाकर अपने रूप को संवारा और समाज में श्रीकृष्‍ण की रानी बनकर सम्‍मानजनक जीवन बिताया. यहीं से कार्तिक कृष्‍ण पक्ष की चतुर्दशी पर उबटन लगाने की परंपरा शुरू हुई और इस दिन को रूप चतुर्दशी के नाम से जाना जाने लगा.

पूजा और यमदीप का शुभ समय

कार्तिक मास कृष्‍ण पक्ष चतुर्दशी तिथि 11 नवंबर 2023 को दोपहर 01 बजकर 57 मिनट पर प्रारंभ होगी और 12 नवंबर 2023 को दोपहर 02 बजकर 44 मिनट तक रहेगी. नरक चतुर्दशी पर यमराज पूजन और चौमुखी दीपक जलाने का शुभ समय शाम 05:40 मिनट से 07:36 तक है. मान्‍यता है कि नरक चौदस के दिन शाम को यमराज पूजन करने और दीपदान करने से परिवार के ऊपर से अकाल मृत्‍यु का खतरा टलता है.