Chhatrapati Shivaji Maharaj Jayanti 2024: शिवाजी ने रखी थी मराठा साम्राज्य की नींव, मां ने दी राजनीति-युद्ध की शिक्षा, जानें खास बातें
Chhatrapati Shivaji Maharaj Jayanti 2024: छत्रपति शिवाजी महाराज की जयंती हर साल 19 फरवरी को पूरे देश में मनाई जाती है. तो चलिए जानते हैं उनके बारे में खास बातें.
Chhatrapati Shivaji Maharaj Jayanti 2024: छत्रपति शिवाजी महाराज की जयंती हर साल 19 फरवरी को पूरे देश में मनाई जाती है. जो लोग छत्रपति शिवाजी महाराज के आदर्श को मानते हैं और वे इस दिन को काफी खास तरीके से मनाते हैं. उन्होंने सिर्फ 15 वर्ष की उम्र में जान की परवाह किए बिना मुगलों पर आक्रमण किया था. तो चलिए जानते हैं इस दिन का इतिहास.
माता के मार्गदर्शन में बीता शिवाजी का बचपन
शिवाजी का जन्म 19 फरवरी, 1630 को शिवनेरी दुर्ग में एक मराठा परिवार में हुआ था. उनका नाम शिवाजी भोंसले था. उनके पिता जी शहाजीराजे भोंसले एक शक्तिशाली सामंत राजा कुल में जन्मे थे. उनके पिता अहमदनगर सलतनत में सेनापति थे. उनकी माता जिजाबाई जाधवराव कुल में उत्पन्न असाधारण प्रतिभाशाली महिला थी. शिवाजी महाराज के चरित्र पर माता-पिता का बहुत प्रभाव पड़ा. उनका बचपन उनकी माता के मार्गदर्शन में बीता. उनकी माता की रुचि धार्मिक ग्रंथों में थी. उन्होंने राजनीति और युद्ध की शिक्षा ली थी.
मुगलों के खिलाफ बजाया युद्ध का बिगुल
शिवाजी महाराज बचपन से ही उस युग के वातावरण और घटनाओं को भली प्रकार समझने लगे थे. उनके हृदय में स्वाधीनता की लौ प्रज्वलित हो गयी थी. उन्होंने कुछ स्वामिभक्त साथियों का संगठन किया. उस समय देश में मुगलों का आक्रमण चरम पर था. महाराज शिवाजी ने ही मुगलों के खिलाफ युद्ध का बिगुल बजाया. उन्होंने सिर्फ 15 वर्ष की उम्र में जान की परवाह किए बिना मुगलों पर आक्रमण किया था. इस आक्रमण को गोरिल्ला युद्ध की नीति कहा गया.
भारत में मराठा साम्राज्य की नींव रखी
भारत के एक महान राजा एवं रणनीतिकार थे जिन्होंने 1674 ई. में पश्चिम भारत में मराठा साम्राज्य की नींव रखी. इसके लिए उन्होंने मुगल साम्राज्य के शासक औरंगजेब से संघर्ष किया. सन् 1674 में रायगढ़ में उनका राज्याभिषेक हुआ और वह छत्रपति बनें. लेकिन इसके कुछ साल बाद ही एक गंभीर बीमारी के कारण 3 अप्रैल 1680 को उनकी मृत्यु हो गई. शिवाजी के बाद इनके पुत्र संभाजी ने राज्य का कार्यभार संभाला.
शिवाजी महाराज का वैवाहिक जीवन
शिवाजी का विवाह सन् 14 मई 1640 में सइबाई निंबाळकर (सई भोसले) के साथ लाल महल, पुणे में हुआ था. सई भोसले शिवाजी की पहली और प्रमुख पत्नी थीं. वह अपने पति के उत्तराधिकारी संभाजी की मां थीं. शिवाजी ने कुल 8 विवाह किए थे. वैवाहिक राजनीति के जरिए उन्होंने सभी मराठा सरदारों को एक छत्र के नीचे लाने में सफलता प्राप्त की.