Chandrayaan-3:  21 सितंबर को चांद पर सुबह हो चुकी है.इसी के साथ इसरो की ओर से प्रज्ञान रोवर और विक्रम लैंडर को जगाने की कोशिश भी शुरू कर दी गई थी. लेकिन इस मामले में अभी तक सफलता नहीं मिल पायी है.प्रज्ञान और विक्रम की ओर से अभी तक इन सिग्नल्स को रिसीव नहीं किया गया है.हालांकि इसरो ने भी इस मामले में अभी हार नहीं मानी है.अंतरिक्ष एजेंसी की ओर से आज यानी 23 सितंबर को एक बार फिर से प्रज्ञान और विक्रम को जगाने के प्रयास किए जाएंगे.

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ISRO का ये है कहना

वैज्ञानिकों का कहना है कि चंद्रयान-3 सफल रहा है और इसके सारे उद्देश्य भी पूरे हो चुके हैं लेकिन प्रज्ञान रोवर और विक्रम लैंडर को जगाने का मकसद है कि और अधिक जानकारियां जुटाई जा सकें.बता दें कि चंद्रयान-3 की सॉफ्ट लैंडिंग के बाद विक्रम और प्रज्ञान ने पेलोड  की मदद से चांद की सतह के बारे में जानकारियां भेजी थी. 

प्रज्ञान  और विक्रम  को ऐसे भेजा सिग्नल 

इसरो ने दोनो मॉड्यूल तक सिग्नल भेजने के लिए शुक्रवार यानी 22 सितंबर का  दिन चुना था.जानकारी के लिए बता दें कि वहां रात के वक्त कई इलाकों में -238 डिग्री सेल्सियस तक तापमान होता है जिसकी वजह से  विक्रम लैंडर और प्रज्ञान रोवर पर लगे सोलर पैनल की  बैटरियां चार्ज नहीं हो पाती और इसलिए चांद पर सुबह होने के बाद इसरो ने दो दिन का इंतजार किया ताकि सोलर पैनल से बैटरियां अच्छी तरह चार्ज हो जाएं लेकिन विक्रम और प्रज्ञान रोवर से कनेक्ट करने की लगातार कोशिश असफल रही.

प्रज्ञान और विक्रम का एक्टिव होना कितना जरुरी

इसरो का कहना है कि अगर विक्रम लैंडर और  प्रज्ञान रोवर के बीच सिग्नल मिल गए और अगर दोनो एक्टिव हो जाते है तो चांद पर जानकारियां इक्ठ्ठा करके धरती पर भेजेंगे लेकिन अगर कनेक्शन मिलने असफल होते हैं तो चांद पर हमेशा के लिए रह जाएंगे. 

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