Chandrayaan 3, Pragyan Rover: चंद्रयान 3 ने चांद के दक्षिण ध्रुव पर सफलतापूर्वक लैंडिंग कर ली है. इसी के साथ भारत चांद के हिस्से पर जाने वाला दुनिया का पहला देश बन गया है. विक्रम लैंडर ने भारतीय समयानुसार शाम 06.03 बजे चांद की धरती पर कदम रखा. वहीं, अब प्रज्ञान रोवर लैंडर मॉड्यूल से बाहर आ गया है. इसके अलावा लैंडर और इसरो के यहां मिशन ऑपरेशंस कॉम्प्लेक्स (MOX) के बीच संचार भी स्थापित हो गया है.   

Chandrayaan 3, Pragyan Rover: 14 दिन बिताएगा प्रज्ञान रोवर 

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इसरो ने ट्वीट कर लिखा, 'चंद्रयान 3 मिशन, चंद्रयान 3 मिशन, भारत में निर्मित, चांद के लिए निर्मित. CH-3 रोवर लैंड से निकल गया और भारत अब चांद पर चल रहा है.' रोवर मॉड्यूल अब इसरो के वैज्ञानिकों द्वारा दिए गए 14 दिवसीय कार्य शुरू करेगा. दरअसल लैंडर और रोवर दोनों का जीवन काल एक-एक चंद्र दिवस है जो पृथ्वी के 14 दिन के समान है. इसरो के अनुसार लैंडर और रोवर में पांच वैज्ञानिक उपक्रम (पेलोड) हैं, जिन्हें लैंडर मॉड्यूल के अंदर रखा गया है. लैंडर से बाहर निकलने के बाद प्रोपल्शन मॉड्यूल द्वारा ले जाए गए पेलोड का जीवन तीन से छह महीने के बीच है.

Chandrayaan 3, Pragyan Rover: राष्ट्रपति ने एक बार फिर दी बधाई

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने प्रज्ञान रोवर के बाहर निकलने के बाद वैज्ञानिकों को एक बार फिर बधाई दी. राष्ट्रपति ने ट्वीट कर लिखा, ' मैं एक बार फिर विक्रम-लैंडर के अंदर से प्रज्ञान-रोवर की सफल तैनाती पर इसरो टीम और सभी देशवासियों को बधाई देती हूं. विक्रम की लैंडिंग के कुछ ही घंटों बाद इसका लॉन्च होना चंद्रयान 3 के एक और चरण की सफलता का प्रतीक है. प्रज्ञान रोवर से आई जानकारियों को जानने के लिए मैं देशवासियों और वैज्ञानिकों की तरह बेहद उत्सुक हूं. प्रज्ञान चांद के बारे में हमारी समझ को बढ़ाएगा.  

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आपको बता दें कि लैंडिंग के बाद लैंडिंग इमेजर कैमरे ने तस्वीर ली है. इसमें चंद्रयान-3 की लैंडिंग साइट का एक हिस्सा दिखाया गया है. चंद्रयान-3 ने चंद्रमा की सतह पर अपेक्षाकृत समतल क्षेत्र चुना है. इसरो के मुताबिक तस्वीरें चंद्रयान-3 के लैंडिंग स्थल का एक हिस्सा दिखाती हैं. लैंडर का एक पैर और उसके साथ की परछाई भी दिखायी दी.