Chandrayaan-3: बस 5 अगस्त का इंतजार और चांद के ऑर्बिट में कदम रखेगा चंद्रयान, जानें कब करेगा 'सॉफ्ट लैंडिंग'
चंद्रयान-3 को पृथ्वी की कक्षा से ऊपर उठाकर चंद्रमा की ओर बढ़ाने की प्रक्रिया में सफलतापूर्वक अंजाम दिया गया.
चंद्रयान-3 पृथ्वी की कक्षा से बाहर निकला : भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने मंगलवार को कहा कि चंद्रयान-3 को पृथ्वी की कक्षा से घूमने की प्रक्रिया के बाद चंद्रमा की ओर रवाना कराने के घंटों बाद भी यान सामान्य तरीके से काम कर रहा है.अंतिरक्ष यान को पृथ्वी की कक्षा से ऊपर उठाकर चंद्रमा की ओर बढ़ाने की प्रक्रिया में सफलतापूर्वक अंजाम दिया गया.
चंद्रयान-3 पृथ्वी की कक्षा से बाहर ठीक कर रहा काम
एजेंसी ने कहा कि अंतरिक्ष केंद्र के वैज्ञानिकों द्वारा किए गए यान को अगली कक्षा में धकेलने को सफलतापूर्वक अंजाम दिया गया है.यह प्रक्रिया तब पूरी गई जब अंतरिक्ष यान पृथ्वी (पेरिजी) के सबसे करीब था. इस प्रक्रिया के तहत अंतरिक्ष यान को एक ‘ट्रांसलूनर कक्षा’ में डाल दिया जिसमें यह चंद्रमा के प्रभाव क्षेत्र में प्रवेश करेगा.
चार दिनों बाद अंतरिक्ष यान चंद्रमा की कक्षा मे शामिल होगा
अब से लगभग चार दिनों में एक और महत्वपूर्ण प्रक्रिया के तहत अंतरिक्ष यान को चंद्रमा की कक्षा में स्थापित किया जाएगा.इसरो ने बताया कि चंद्रयान को चंद्रमा की कक्षा में प्रवेश कराने की प्रक्रिया तब शुरू होगी जब वह चंद्रमा के सबसे नजदीक होगा। ISRO ने कहा है की चंद्रयान-3 ने पृथ्वी के आसपास अपनी कक्षाओं का चक्कर पूरा कर लिया है.और अब वह चंद्रमा की ओर बढ़ रहा है.
अगला कदम चंद्रमा की और
ISRO का कहना है की चंद्रमा के करीब पहुंचने के लिए पांच अगस्त 2023 को लूनर-ऑर्बिट इंसर्शन (चंद्र-कक्षा अंतर्वेश) की प्रक्रिया को अंजाम देने की योजना है.इसरो के अधिकारीयो ने बताया की मंगलवार को ट्रांसलूनर-इंजेक्शन (टीएलआई) के बाद चंद्रयान-3 को पृथ्वी की कक्षा से बाहर निकला गया और अब वह उस पथ पर अग्रसर है जो उसे चंद्रमा के करीब ले जाएगा। वही ISRO आगामी 23 अगस्त को चंद्रयान-3 को चंद्रमा की सतह पर ‘सॉफ्ट लैंडिंग’ कराने की कोशिश करेगा.ISRO पहले ही चंद्रयान-3 को 14 जुलाई को प्रक्षेपित किए जाने के बाद से उसे कक्षा में ऊपर उठाने की प्रक्रिया को पांच बार सफलतापूर्वक अंजाम दिया गया था
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