Cyclone Dana: आजकल हर जगह चक्रवाती तूफान दाना की चर्चा है. ये चक्रवाती तूफान बहुत तेजी स्‍पीड से आगे बढ़ रहा है. मौसम विभाग का अनुमान है कि ये तूफान आज 24 अक्‍टूबर की मध्‍य रात्रि से 25 अक्‍टूबर की सुबह तक तट से टकरा सकता है. Dana का लैंडफॉल धामरा और भीतरकनिका के बीच होगा. लैंडफॉल के वक्त 100 से 120 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चलेंगीं. पश्चिम बंगाल और ओडिशा के साथ इस तूफान का असर बिहार और झारखंड तक भी नजर आ सकता है. तूफान के चलते तमाम तरह की सुरक्षा व्‍यवस्‍था भी की गई है.

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बता दें कि इससे पहले भी तमाम तरह के तूफान भारत और दुनिया के तमाम हिस्‍सों में आते रहे हैं. समय-समय पर आने वाले इन चक्रवाती तूफानों के अलग-अलग नाम रखे जाते हैं. लेकिन क्‍या आपको पता है कि ये साइक्‍लोन आते क्‍यों हैं, इनके नाम क्‍यों रखे जाते हैं और ये नाम रखता कौन हैं? आइए आपको बताते हैं जरूरी बातें-

क्‍यों आते हैं चक्रवाती तूफान

सर्कुलर स्टॉर्म यानी गोलाकार तूफान को चक्रवाती तूफान कहा जाता है. ये तूफान गर्म समुद्र के ऊपर बनते हैं. हर तरह के साइक्लोन बनने के लिए समुद्र के पानी के सरफेस का तापमान 25-26 डिग्री के आसपान होना जरूरी होता है. यही वजह है कि साइक्‍लोन अधिकतर गर्म इलाकों में ही बनते हैं. दरअसल समुद्र का तापमान बढ़ने पर उसके ऊपर मौजूद हवा गर्म और नम हवा होने की वजह से हल्‍की हो जाती है और ऊपर उठती है. जैसे-जैसे ये हवाएं ऊपर की तरफ जाती हैं, इनके नीचे की तरफ कम दबाव वाला क्षेत्र बनता है. 

जैसे-जैसे आसपास की हवाओं से कम दबाव वाले क्षेत्र प्रेशर बढ़ता है यह चक्रवात की शक्ल लेने लगता है. समुद्र में ये गोलाकार तूफान एकदम कुंडली मारकर बैठे सांप की तरह नजर आते हैं, इस कारण इन्‍हें साइक्‍लोन कहा जाता है. बता दें साइक्लोन शब्द ग्रीक भाषा के साइक्लोस से लिया गया है, जिसका अर्थ है सांप की कुंडलियां. चक्रवात कुछ दिन या कुछ हफ्ते तक रह सकता है. चक्रवात जहां पहुंचता है वहां तेज हवाएं और बारिश होती है. 

क्‍यों रखे जाते हैं तूफानों के नाम

विश्व मौसम विज्ञान संगठन (World Meteorological Organization-WMO) के मुताबिक दुनिया में एक समय में एक से अधिक साइक्‍लोन हो सकते हैं और ये लंबे समय तक जारी भी रह सकते हैं. ऐसे में उस तूफान को लेकर बढ़ने वाले जोखिम के प्रति जागरुक करने, बचाव और राहत कार्य के प्रबन्‍धन करने और किसी भी तरह के भ्रम से बचने के लिए हर तूफान को एक नाम दिया जाता है. 

किसने रखा साइक्‍लोन दाना का नाम

दाना नाम सऊदी अरब ने दिया है, इसका मतलब है उदारता. अगर किसी आंधी की गति 62 किमी प्रति घंटे से अधिक है तो इसे एक विशेष नाम देना जरूरी हो जाता है. इससे पहले साल 2024 रेमल तूफान आया था. ये नाम ओमान ने दिया था. 'रेमल' एक अरबी शब्द है, जिसका मतलब होता है 'रेत'. 

कब शुरू हुआ तूफान को नाम देने का सिलसिला

अटलांटिक क्षेत्र में चक्रवाती तूफानों के नाम तय करने की प्रथा 1953 में शुरू हुई. तब अमेरिका में राष्ट्रीय तूफान केंद्र द्वारा तैयार की गई सूचियों में से तूुफान के नाम रखे जाते थे और ये नाम मनमाने ढंग से रखे जाते थे. वहीं, हिंद महासागर क्षेत्र में इसकी शुरुआत 2004 में हुई. दरअसल 'द वर्ल्ड मेट्रोलॉजिकल ऑर्गेनाइजेशन' (WMO) साल 1972 में उत्तर हिंद महासागर क्षेत्र में चक्रवात की चेतावनी और आपदा की रोकथाम के लिए पैनल ऑन ट्रॉपिकल साइक्लोन्स (PTC) की स्थापना की थी. शुरुआत में PTC के 8 सदस्‍य भारत, बांग्लादेश, मालदीव, म्यांमार, पाकिस्तान, श्रीलंका, ओमान और थाईलैंड थे. साल 2018 में इसका विस्‍तार हुआ और इसमें अन्‍य सदस्‍य भी शामिल हो गए. 

साल 2000 में ओमान की राजधानी मस्कट (Muscat), में PTC का 27वां सत्र आयोजित किया गया. इस सत्र में बंगाल की खाड़ी और अरब सागर में आने वाले चक्रवाती तूफान को नाम देने पर सहमति बनी. इस सत्र में ये तय किया गया कि PTC के सभी सदस्‍य बारी-बारी से बंगाल की खाड़ी और अरब सागर में आने वाले चक्रवाती तूफानों को नाम देंगे. आज पीटीसी के कुल 13 सदस्‍य भारत, बांग्‍लादेश, मालदीव, म्‍यांमार, ओमान, पाकिस्‍तान, थाइलैंड, श्रीलंका, ईरान, कतर, सऊदी अरब और यूएई और यमन हैं, जो इन तूफानों का नाम रखते हैं.

कैसे तय होते हैं नाम

संयुक्‍त राष्‍ट्र की वर्ल्‍ड मेट्रोलाजिकल आर्गेंनाइजेशन ने कुछ नियम तय किए हैं. इसके हिसाब से हिंद महासागर के जिन क्षेत्रों में तूफान आएगा, उनका नामकरण वहां की क्षेत्रीय एजेंसियां करेंगी. उसी तूफान का नामकरण होता है, जिसकी गति कम से कम 63 किलोमीटर प्रति घंटा हो. हिंद महासागर क्षेत्र के तूफान के नाम 13 देश बारी-बारी रखते हैं. अप्रैल 2020 में PTC ने ने चक्रवाती तूफान 169 नाम वाली एक लिस्ट जारी की. इसमें हर देश ने 13-13 नाम सुझाए थे. फिलहाल बंगाल की खाड़ी और अरब सागर में कोई साइक्लोन आता है, तो इन्हीं 169 नाम की लिस्ट से तूफान का नाम रखा जाता है.

इन जगहों पर बारिश का अनुमान

बता दें कि साइक्‍लोन दाना के चलते IMD ने 24 से 26 अक्टूबर तक अंगुल, नयागढ़, बालेश्वर, मयूरभंज, भद्रक, केंद्रपाड़ा, जगतसिंहपुर, केंदुझार, जाजपुर, कटक और ढेंकनाल, खुर्दा, गंजम और पुरी जिलों में भारी से बहुत भारी बारिश की आशंका जताई है. वहीं पूर्व मेदिनीपुर, पश्चिम मेदिनीपुर, दक्षिण 24 परगना और उत्तर 24 परगना में बहुत भारी बारिश होने का अनुमान है, जबकि कोलकाता, हावड़ा, हुगली और झारग्राम में भारी बारिश हो सकती है. इसके अलावा तूफान का असर बिहार, झारखंड, आंध्र प्रदेश और छत्‍तीसगढ़ वगैरह में भी देखने को मिल सकता है. तूफान से किसी तरह की कोई नुकसान न हो, इसे लेकर हर संभव कोशिश की जा रही है. हर मोर्चे पर इस तूफान से निपटने की तैयारी जोरों पर है.