Chaitra Navratri 2023: कन्या पूजन के समय ये 5 चीजें दान करना होता है बेहद शुभ, जानें पूजन का शुभ समय
Navratri 2023 Kanya Pujan: कन्या पूजन के समय कन्याओं को भोजन कराया जाता है, इसके बाद उन्हें सामर्थ्य के अनुसार कुछ न कुछ दान किया जाता है. इसके बाद उनके चरण स्पर्श करके आशीर्वाद दिया जाता है.
चैत्र नवरात्रि का पर्व चल रहा है. इस पर्व का समापन महानवमी के साथ होता है. महानवमी के दिन लोग सुबह का पूजन करने के बाद कन्या पूजन करते हैं. इसके बाद हवन किया जाता है. हवन के बाद व्रत का पारण करने का नियम है. कन्या पूजन के समय कन्याओं को भोजन कराया जाता है, इसके बाद उन्हें सामर्थ्य के अनुसार कुछ न कुछ दान किया जाता है. इसके बाद उनके चरण स्पर्श करके आशीर्वाद दिया जाता है. आप भी नवमी तिथि पर कन्या पूजन करने जा रहे हैं, तो यहां जानिए उन 5 चीजों के बारे में जिन्हें दान करना बेहद शुभ माना जाता है.
वस्त्र
ज्योतिषाचार्य डॉ. अरविंद मिश्र के मुताबिक कन्याओं को माता का स्वरूप माना जाता है. आप उन्हें कोई भी चीज अपनी क्षमतानुसार दान कर सकते हैं. लेकिन अगर आप सामर्थ्यवान हैं तो उन्हें वस्त्र दान जरूर करें. अगर आप वस्त्र दान नहीं कर सकते तो उन्हें वस्त्र के प्रतीक के रूप में उन्हें रुमाल दे सकते हैं. वस्त्र दान करना अत्यंत शुभ माना जाता है.
मिष्ठान
आप कन्या पूजन के समय कन्याओं को थोड़ा मिष्ठान जरूर दें. मिष्ठान को शुभ माना जाता है. आप चाहें तो उनके लिए मिष्ठान घर में बना सकते हैं या फिर आप बाजार से भी खरीदकर ला सकते हैं.
श्रंगार
मातारानी को श्रंगार का सामान बेहद पसंद होता है. ऐसे में आप उनका स्वरूप मानी जाने वाली कन्याओं को श्रंगार का सामान भेंट करें. इसमें आप उन्हें बिंदी, लिपस्टिक, मेहंदी, चूड़ी आदि को देनी चाहिए.
चावल
चावल को समृद्धि का प्रतीक माना जाता है. घर से भी अगर किसी बेटी को विदा किया जाता है तो उसकी गोद में चावल को डाला जाता है. इसलिए कन्याओं को विदाई के समय थोड़ा चावल भेंट स्वरूप दान करना चाहिए.
दक्षिणा
कन्याओं को चलते समय दक्षिणा के बगैर कभी भी विदाई नहीं देनी चाहिए. दक्षिणा के बिना कन्या पूजन पूरा नहीं होता है. आप अपनी सामर्थ्य के अनुसार कुछ भी दें, लेकिन दक्षिणा जरूर दें.
महानवमी कन्या पूजन शुभ मुहूर्त
महानवमी के दिन ब्रह्म मुहूर्त सुबह 04 बजकर 41 मिनट पर शुरू होगा और 05 बजकर 28 मिनट पर समाप्त होगा. अभिजीत मुहूर्त सुबह 11 बजकर 45 मिनट से दोपहर 12 बजकर 30 मिनट तक रहेगा. इस दिन बृहस्पति और पुनर्वसु योग, अमृत सिद्धि योग रात 10 बजकर 58 मिनट से 30 बजकर 15 मिनट तक रहेगा और रवि योग रात 10 बजकर 58 मिनट तक रहेगा. वहीं सर्वार्थ सिद्धि योग पूरे दिन रहेगा. इस दिन बृहस्पतिवार होने के साथ सुबह से पुनर्वसु नक्षत्र रात 22: 58 मिनट तक रहेगा. ये योग कन्या पूजन के साथ ही नवीन वस्त्र धारण और अन्य वस्तुओं के प्रयोग करने के लिए अतिशुभ माना जाता है.
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