Budhha Purnima 2024: भगवान बुद्ध की इन बातों में है बड़ी-बड़ी समस्याओं का समाधान, आपको भी मिल सकती है मदद
Budhha Purnima 2024: आज 23 मई गुरुवार को बुद्ध पूर्णिमा है. इस मौके पर आपको बताते हैं भगवान बुद्ध की कही वो बातें, जिन पर अगर आप अमल कर लें तो आपके जीवन की बड़ी से बड़ी समस्याएं भी हल हो सकती हैं.
Buddha Teachings on Budhha Purnima 2023: हर साल वैशाख के महीने की पूर्णिमा को बुद्ध पूर्णिमा मनाई जाती है. माना जाता है कि इसी दिन भगवान बुद्ध का जन्म हुआ था. भगवान बुद्ध एक राजघराने में पैदा हुए थे और उनका बचपन का नाम राजकुमार सिद्धार्थ था. 35 वर्ष की आयु में उन्हें ज्ञान की प्राप्ति हुई और वे सिद्धार्थ से गौतम बुद्ध बन गए. भगवान बुद्ध ने हमेशा सत्य और अहिंसा का पालन किया और अपनी शिक्षा से लोगों को न सिर्फ तमाम समस्याओं से उबारा, बल्कि लोगों का मार्गदर्शन भी किया. आज 23 मई गुरुवार को बुद्ध पूर्णिमा है. इस मौके पर आपको बताते हैं भगवान बुद्ध की कही वो बातें, जिन पर अगर आप अमल कर लें तो आपके जीवन की बड़ी से बड़ी समस्याएं भी हल हो सकती हैं.
भगवान बुद्ध के कहे अनमोल वचन
- शंका बहुत खतरनाक होती है. ये एक ऐसी आदत है जो पति-पत्नी का रिश्ता, दो दोस्तों की दोस्ती और दो प्रेमियों का प्रेम खत्म कर सकती है. इससे हर किसी को बचना चाहिए.
- अगर आपको अपने जीवन में शांति और सुकून चाहिए तो भूतकाल और भविष्यकाल में उलझना छोड़ दीजिए. जो वर्तमान है, वही सत्य है. उसी में जीने की आदत डालिए.
- हम किसी भी बात पर जैसे ही क्रोधित होते हैं, तो हम सच नहीं देख पाते, सिर्फ अपने लिए प्रयास करने लग जाते हैं. क्रोधित व्यक्ति स्वार्थी हो जाता है. सिर्फ अपनी बात मनवाने की कोशिश करता है. क्रोध से बचना चाहिए.
- व्यक्ति अपने अच्छे और बुरे स्वास्थ्य का जिम्मेदार स्वयं होता है. इसीलिए खान-पान और दिनचर्या का ध्यान रखना चाहिए.
- अज्ञानी व्यक्ति से कभी भी उलझना और बहस नहीं करना चाहिए. वो एक बैल के समान है जो सिर्फ आकार में बड़ा दिखता है, ज्ञान में नहीं.
- एक दीपक से हजारों दीपक जल सकते हैं, फिर भी दीपक की रौशनी कम नहीं होती. इसलिए खुशियां बांटते रहिए.
- क्रोध जलते हुए कोयले की तरह होता है, जो किसी के ऊपर फेंकने से पहले आपके खुद के हाथों को जलाता है. क्रोध को पाले रखना मतलब खुद का ही नुकसान करना है.
- सत्य की राह पर चलने वाला मनुष्य दो ही गलतियां कर सकता है, या तो पूरा रास्ता तय नहीं करता या फिर शुरुआत ही नहीं करता.
- ईर्ष्या और नफरत की भावनाएं जीवन में कोई भी खुशी हासिल नहीं करने देती हैं. ये भावनाएं हमारे मन की शांति खत्म कर देती हैं.
- इस संसार में कभी भी खुशी और सुख स्थायी नहीं हो सकते. ठीक इसी तरह दुख भी स्थायी नहीं है. अगर आप अंधेरे में डूबे हैं, बुरे समय का सामना कर रहे हैं तो आपको रौशनी की तलाश करनी चाहिए.