Buddha Purnima 2023: भगवान बुद्ध के अनमोल वचन जो आपकी जिंदगी की तमाम उलझनों को दूर कर सकते हैं...
आज बुद्ध पूर्णिमा के दिन यहां जानिए महात्मा बुद्ध के अनमोल विचार जो आज के समय में भी लोगों को सही राह दिखा सकते हैं और जीवन के तमाम अनसुलझे प्रश्नों का जवाब दे सकते हैं.
Buddha Teachings on Budhha Purnima 2023: आज देशभर में वैशाख पूर्णिमा का पर्व मनाया जा रहा है. शास्त्रों में इस दिन को बेहद शुभ बताया गया है. इसी दिन भगवान बुद्ध का भी जन्म हुआ था. भगवान बुद्ध को नारायण का नौवां अवतार माना गया है. गौतम बुद्ध का जन्म एक राजघराने में हुआ था. उनका बचपन का नाम राजकुमार सिद्धार्थ था. कहा जाता है कि सिद्धार्थ के जन्म के समय ही ये भविष्यवाणी कर दी गई थी कि आगे चलकर ये बच्चा कितना बड़ा संत बनेगा. 35 वर्ष की आयु में उन्हें ज्ञान की प्राप्ति हुई और वे सिद्धार्थ से गौतम बुद्ध बने.
भगवान बुद्ध ने हमेशा सत्य और अहिंसा का पालन किया और लोगों को अंधकार से प्रकाश की ओर ले जाने के लिए वे उनका मार्गदर्शन करते रहे. आज बुद्ध पूर्णिमा के दिन आइए आपको बताते हैं महात्मा बुद्ध के अनमोल विचार जो आज के समय में भी लोगों को सही राह दिखा सकते हैं.
भगवान बुद्ध के अनमोल वचन
- शंका बहुत खतरनाक होती है. ये एक ऐसी आदत है जो पति-पत्नी का रिश्ता, दो दोस्तों की दोस्ती और दो प्रेमियों का प्रेम खत्म कर सकती है. इससे हर किसी को बचना चाहिए.
- अगर आपको अपने जीवन में शांति और सुकून चाहिए तो भूतकाल और भविष्यकाल में उलझना छोड़ दीजिए. जो वर्तमान है, वही सत्य है. उसी में जीने की आदत डालिए.
- हम किसी भी बात पर जैसे ही क्रोधित होते हैं, तो हम सच नहीं देख पाते, सिर्फ अपने लिए प्रयास करने लग जाते हैं. क्रोधित व्यक्ति स्वार्थी हो जाता है. सिर्फ अपनी बात मनवाने की कोशिश करता है. क्रोध से बचना चाहिए.
- व्यक्ति अपने अच्छे और बुरे स्वास्थ्य का जिम्मेदार स्वयं होता है. इसीलिए खान-पान और दिनचर्या का ध्यान रखना चाहिए.
- अज्ञानी व्यक्ति से कभी भी उलझना और बहस नहीं करना चाहिए. वो एक बैल के समान है जो सिर्फ आकार में बड़ा दिखता है, ज्ञान में नहीं.
- एक दीपक से हजारों दीपक जल सकते हैं, फिर भी दीपक की रोशनी कम नहीं होती. इसलिए खुशियां बांटते रहिए.
- क्रोध जलते हुए कोयले की तरह होता है, जो किसी के ऊपर फेंकने से पहले आपके खुद के हाथों को जलाता है. क्रोध को पाले रखना मतलब खुद का ही नुकसान करना है.
- सत्य की राह पर चलने वाला मनुष्य दो ही गलतियां कर सकता है, या तो पूरा रास्ता तय नहीं करता या फिर शुरुआत ही नहीं करता.
- ईर्ष्या और नफरत की भावनाएं जीवन में कोई भी खुशी हासिल नहीं करने देती हैं. ये भावनाएं हमारे मन की शांति खत्म कर देती हैं.
- मनुष्य को अपने लक्ष्य को प्राप्त करने से अधिक अपनी यात्रा पर ध्यान देना चाहिए. जैसे हजारों शब्दों से एक अच्छा शब्द जो शांति प्रदान करता हो.
- इस संसार में कभी भी खुशी और सुख स्थायी नहीं हो सकते. ठीक इसी तरह दुख भी स्थायी नहीं है. अगर आप अंधेरे में डूबे हैं, बुरे समय का सामना कर रहे हैं तो आपको रोशनी की तलाश करनी चाहिए.
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