आज देश की पांच विभूतियों को भारत सरकार उनके अतुलनीय योगदान के लिए भारत रत्‍न (Bharat Ratna) से सम्‍मानित करेगी. सम्‍मानित होने वालों में पूर्व उपप्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी, पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह, पी.वी. नरसिम्हा राव, कृषि वैज्ञानिक एम.एस. स्वामीनाथन और बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री कर्पूरी ठाकुर का नाम शामिल है. इनमें से सिर्फ आडवाणी को छोड़कर बाकी सभी को मरणोपरांत सम्मानित किया जाएगा.

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भारत रत्‍न से सम्‍मानित करने के लिए समारोह का आयोजन राष्‍ट्रपति भवन में होगा. जानकारी के मुताबिक भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी के स्‍वास्‍थ्‍य के चलते राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू अगले दिन उनके आवास पर जाकर उन्हें सम्मानित करेंगीं. बता दें कि भारत रत्‍न देश का सर्वोच्‍च सम्‍मान होता है. साल 2020 से 2023 तक किसी को भी भारत रत्न नहीं दिया गया था. इस साल सरकार ने 5 हस्तियों को इस सम्‍मान के लिए चुना है. सम्मान समारोह के मद्देनजर शनिवार को राष्ट्रपति भवन में चेंज ऑफ गार्ड सेरेमनी नहीं होगी.

किन्‍हें दिया जाता है भारत रत्‍न

देश का सर्वोच्‍च सम्मान भारत रत्‍न कला, साहित्य, विज्ञान, सार्वजनिक सेवा और खेल आदि किसी भी क्षेत्र में विशेष योगदान के लिए दिया जाता है, जिससे देश का गौरव बढ़ा हो. साल 2011 से पहले भारत रत्‍न का सम्‍मान सिर्फ कला, साहित्य, विज्ञान और समाज सेवा क्षेत्र में अतुलनीय योगदान को देखते हुए दिया जाता था, लेकिन 2011 में इसमें संशोधन किया गया. अब इसके लिए कोई क्षेत्र निर्धारित नहीं है.

 

देश में भारत रत्‍न पाने वाले व्‍यक्ति को कोई राशि नहीं दी जाती, लेकिन उसे राज्‍य अतिथि का सम्‍मान दिया जाता है. वो जिस राज्‍य में भी जाता है, वहां राज्‍य अतिथि के तौर पर उनका स्‍वागत किया जाता है और परिवहन, बोर्डिंग और राज्य में ठहरने की सुविधा दी जाती है. ऐसे व्‍यक्ति विशेष को अहम सरकारी कार्यकर्मों में शामिल होने का निमंत्रण भारत सरकार की ओर से दिया जाता है. नियमानुसार विस्‍तारित सुरक्षा मिलती है और सरकार उन्‍हें वॉरंट ऑफ प्रेसिडेंस में जगह देती है. 

सोशल मीडिया प्‍लेटफॉर्म X पर की थी घोषणा

3 फरवरी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) ने पूर्व उप प्रधानमंत्री और बीजेपी के वर‍िष्‍ठ नेता लाल कृष्‍ण आडवाणी को ‘भारत रत्‍न’ (Bharat Ratna) से सम्मानित करने का ऐलान किया था. पीएम ने सोशल मीडिया प्‍लेटफॉर्म X पर आडवाणी के साथ एक फोटो शेयर करते हुए पोस्‍ट में लिखा था 'मुझे यह बताते हुए बहुत खुशी हो रही है कि लालकृष्ण आडवाणी जी को भारत रत्न से सम्मानित किया जाएगा. मैंने भी उनसे बात की और इस सम्मान से सम्मानित होने पर उन्हें बधाई दी. लालकृष्‍ण आडवाणी हमारे समय के सबसे सम्मानित राजनेताओं में से एक हैं. भारत के विकास में उनका योगदान अविस्मरणीय है. उनका जीवन जमीनी स्तर पर काम करने से शुरू होकर हमारे उपप्रधानमंत्री के रूप में देश की सेवा करने तक का है. उन्होंने हमारे गृह मंत्री और सूचना एवं प्रसारण मंत्री के रूप में भी अपनी पहचान बनाई. उनके संसदीय हस्तक्षेप हमेशा अनुकरणीय और समृद्ध अंतर्दृष्टि से भरे रहे हैं.'

वहीं पीवी न‍रसिम्‍हा राव और चौधरी चरण सिंह को भी भारत रत्‍न दिए जाने की घोषणा पीएम मोदी ने X पर ही की थी. पीवी नरसिम्‍हा राव के लिए उन्‍होंने लिखा था कि 'यह साझा करते हुए खुशी हो रही है कि हमारे पूर्व प्रधानमंत्री, पी.वी. नरसिम्हा राव गारू को भारतरत्‍न से सम्मानित किया जाएगा. एक प्रतिष्ठित विद्वान और राजनेता के रूप में नरसिम्हा राव गारू ने विभिन्न क्षमताओं में बड़े पैमाने पर भारत की सेवा की. उन्हें आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री, केंद्रीय मंत्री और कई वर्षों तक संसद और विधानसभा के सदस्य के रूप में किए गए कार्यों के लिए समान रूप से याद किया जाता है. उनका दूरदर्शी नेतृत्व भारत को आर्थिक रूप से उन्नत बनाने और देश की समृद्धि और विकास की ठोस नींव रखने में सहायक था.'

वहीं पीएम मोदी ने चौधरी चरण सिंह के लिए सम्मान की घोषणा करते हुए एक्स पर लिखा था कि 'यह हमारी सरकार का सौभाग्य है कि देश के पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह को भारतरत्‍न से सम्मानित किया जा रहा है. यह सम्मान देश के लिए उनके अतुलनीय योगदान को समर्पित है. उन्होंने अपना पूरा जीवन किसानों के अधिकारों और उनके कल्याण के लिए समर्पित कर दिया था.'

पीएम मोदी ने कृषि वैज्ञानिक एम.एस. स्वामीनाथन को भारतरत्‍न सम्‍मान देने की भी घोषणा की थी और लिखा था कि 'यह बेहद खुशी की बात है कि भारत सरकार हमारे देश में कृषि और किसानों के कल्याण में उनके उल्लेखनीय योगदान के लिए एम.एस. स्वामीनाथन जी को भारतरत्‍न से सम्मानित कर रही है. उन्होंने भारत को आत्म-सम्मान हासिल करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. चुनौतीपूर्ण समय के दौरान कृषि पर निर्भरता और भारतीय कृषि को आधुनिक बनाने की दिशा में उत्कृष्ट प्रयास किए.'

वहीं केंद्र सरकार इस मौके पर बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री कर्पूरी ठाकुर (Karpoori Thakur) को भी 'भारत रत्न' से सम्‍मानित करेगी. बता दें कि 'जननायक' के नाम से मशहूर ठाकुर दिसंबर 1970 से जून 1971 और दिसंबर 1977 से अप्रैल 1979 तक मुख्यमंत्री रहे. ठाकुर राज्य में दलितों और पिछड़ों के हितों में कदम उठाने वाले बड़े नेता माने जाते हैं और राज्य की राजनीति में आज भी उनके समर्थक सभी राजनीतिक दलों में महत्वपूर्ण भूमिका में हैं.