देशभर में विजयदशमी का त्योहार धूमधाम से मनाया जा रहा है. आज ही के दिन भगवान श्रीराम ने रावण का वध किया था. यह त्योहार अधर्म पर धर्म की जीत के उपलक्ष्य पर मनाया जाता है. इस दिन गांव, शहर समेत कई जगहों पर दशहरे का मेला लगता है, जिसमें रावण दहन कर दशहरा मनाया जाता है. लेकिन भारत के कुछ जगहों का दशहरा फेस्टिवल काफी प्रसिद्ध है....तो चलिए जानते हैं...

मैसूर का दसरा काफी प्रसिद्ध

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यूं तो देशभर में हर्षोउल्लास से दशहरा मनाया जाता है, लेकिन कर्नाटक के मैसूर में मनाया जाने वाला दशहरा दुनियाभर में प्रसिद्ध है. मैसूर में दशहरा 600 से ज्यादा वर्षों से मनाया जा रहा है. मैसूर महल की सजावट, सोने और चांदी से सजे हाथियों का काफिला जब 6 किमी का सफर तय करते हैं तो यह भव्यता देखते ही बनता है. खास बात यह है कि मैसूर के दशहरे में न श्रीराम होते हैं और न ही रावण दहन, बल्कि देवी चामुंडा द्वारा महिसासुर का वध किया जाता है. यहां स्थानीय लोग दशहरा नहीं अपनी भाषा में दसरा कहते हैं. धूमधाम से मनाए जाने वाले इस त्योहार को देखने हर साल करीब 7 लाख लोग आते हैं.

कुल्लू दशहरे में शामिल होंगे PM मोदी

हिमाचल प्रदेश के कुल्लू में मनाया जाने वाला दशहरा काफी फेमस है. ढालपुर मैदान में मनाया जाने वाला यह त्योहार की शुरुआत करीब 400 साल पहले हुई थी. दशहरा उत्सव समिति हर साल देवी-देवताओं को निमंत्रण भेजते हैं. इस बार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी आयोजन में हिस्सा लेंगे. 

दिल्ली का दशहरा

राजधानी दिल्ली का दशहरा काफी फेमस है. रामलीला में रावण, कुंभकरण और मेघनाद के बड़े-बड़े बने पुतलों को देखने को हजारों लोग आते हैं. इन पुतलों की लंबाई 70 से 100 फीट तक की होती है. हालांकि, इस बार दिल्ली सरकार ने पटाखों पर रोक लगा रखी है, तो इसका असर देखने को मिल सकता है.

वनवास में झारखंड के बस्तर में भगवान ने बिताया था समय

वनवास के समय भगवान राम झारखंड के बस्तर में दण्डकरण्य में रहे थे. यहां के ऐतिहासिक दशहरे की परम्परा 622 साल से जारी है. इतिहासकारों के मुताबिक इस परम्परा की शुरुआत राजा पुरुषोत्तम देव ने 1400 ईसवीं में की थी. हर साल दशहरे पर हजारों लोग भव्य उत्सम में शामिल होने आते हैं. दक्षिण भारत में कर्नाटक के मैसूर के अलावा मदिकेरी में भी यह त्योहार काफी फेमस है. यहां दशहरा 10 दिनों तक मनाया जाता है. इसकी तैयारी 3 महीने पहले ही शुरू हो जाती है.