Basant Panchmi 2024: बसंत पंचमी का पीले रंग से क्या है कनेक्शन, क्यों इस रंग को देते हैं इतनी अहमियत?
Yellow Colour Significance on Basant Panchami 2024: बसंत पंचमी के दिन पीले रंग को विशेष महत्व दिया जाता है. ज्यादातर लोग पीले रंग के कपड़े पहनते हैं. क्या आपको पता है कि इस दिन पीले रंग को इतनी अहमियत क्यों दी जाती है?
Yellow Colour Importance on Basant Panchami 2024: माता सरस्वती का प्राकट्य दिवस बसंत पंचमी (Basant Panchmi) का पर्व आज 14 फरवरी को मनाया जा रहा है. इस दिन माता सरस्वती की पूजा की जाती है. बसंत पंचमी के दिन पीले रंग को विशेष महत्व दिया जाता है. लोग स्नान आदि के बाद पीले रंग के कपड़े पहनते हैं और पूजा के दौरान माता सरस्वती को पीले पुष्प, पीले फल, पीले चावल और अन्य भोग की चीजें अर्पित करते हैं. ऐसे में क्या आपके दिमाग में ये बात नहीं आती कि आखिर इस दिन पीले रंग को इतनी अहमियत क्यों दी जाती है? यहां जान लीजिए जवाब-
जानिए पीले रंग का महत्व
बसंत पंचमी का पर्व माघ मास में आता है, तब तक सूर्य उत्तरायण हो चुके होते हैं. दिन बड़े होने लगते हैं, ठंड का असर कम होने लगता है और मौसम सुहावना हो जाता है. फरवरी से मार्च के बीच ही बसंत ऋतु का आगमन होता है. इस मौसम में पीले रंग के फूल जैसे गेंदा, पीली लिली, शीतकालीन चमेली सहित नाइट जैस्मीन जैसे कई सुगंधित पुष्प उगते हैं. खेतों में सरसों की फसल लहलहाने लगती है. इस नजारे को देखकर लगता है कि मानों प्रकृति ने पीले रंग से खुद का शृंगार कर लिया हो. कुल मिलाकर इस मौसम में पीला रंग प्रधान रंग बन जाता है. इसी मौसम में माता सरस्वती पूजा की जाती है. ऐसे में मां सरस्वती को भी बसंत के इस पीले रंग से जुड़ी चीजें अर्पित कर उनका पूजन किया जाता है.
सादगी, सात्विकता और सकारात्मकता का रंग
इस मामले में ज्योतिषाचार्य डॉ. अरविंद मिश्र का कहना है पीला रंग सादगी, सात्विकता, समृद्धि और आशावाद का रंग माना गया है. पूजा-पाठ वगैरह में इसे हमेशा से काफी शुभ माना जाता रहा है. पीले रंग का मतलब प्रकाश से भी होता है. जहां प्रकाश होता है, वहां अंधकार यानी नकारात्मकता नहीं हो सकती. मां सरस्वती ज्ञान की देवी हैं. ज्ञान से जब किसी का जीवन प्रकाशित होता है तो उसे जीवन में सही और गलत का फर्क समझ में आने लगता है यानी पीला रंग व्यक्ति को अज्ञान से ज्ञान की ओर ले जाने वाला रंग है. ऐसे में ज्ञान की देवी की पूजा के समय उन्हें पीले रंग की चीजों को अर्पित करके हम उनके प्रति आदर, समर्पण और उनकी इस कृपा के लिए आभार प्रकट करते हैं.
आज इस समय करें मां सरस्वती की पूजा
ज्योतिषाचार्य डॉ. अरविंद मिश्र की मानें तो बसंत पंचमी तिथि 13 फरवरी को दोपहर 02 बजकर 41 मिनट से शुरू होकर 14 फरवरी को दोपहर 12 बजकर 09 मिनट तक है. उदया तिथि के हिसाब से बसंत पंचमी का पर्व 14 फरवरी बुधवार को मनाया जा रहा है. बसंत पंचमी पूजा का शुभ मुहूर्त 14 फरवरी को सुबह 7 बजकर 1 मिनट से शुरू हो चुका है और दोपहर 12 बजकर 35 मिनट तक रहेगा. ऐसे में आप इस समय में कभी भी पूजा कर सकते हैं. इसके अलावा किसी भी अच्छे काम की शुरुआत के लिए आज का दिन बेहद शुभ है.