हिंदू पंचांग के हिसाब से हर साल माघ मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि (Magh Month Panchami Tithi) को बसंत पंचमी (Basant Panchami) का त्‍योहार मनाया जाता है. मान्‍यता है कि इसी दिन मां सरस्‍वती (Maa Saraswati) प्रकट हुई थीं. इस दिन को मां सरस्‍वती के प्राकट्य दिवस के रूप में मनाया जाता है और उनकी विशेष पूजा-अर्चना की जाती है. इस साल बसंत पंचमी का पर्व 26 जनवरी को पड़ रहा है. 

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बसंत पंचमी के दिन पीले रंग की चीजों को बहुत अहमियत दी जाती है. मां सरस्‍वती की पूजा के समय लोग पीले वस्‍त्र पहनते हैं, उन्‍हें पीले पुष्‍प, पीले फल, पीले चावल और अन्‍य भोग की चीजें अर्पित करते हैं. जानिए आखिर इस दिन पीले रंग को इतनी अ‍हमियत क्‍यों दी जाती है.

जानिए पीले रंग का महत्‍व

बसंत पंचमी का पर्व माघ मास में पड़ता है और ये मकर संक्रांति के बाद आता है. मकर संक्रांति से सूर्य उत्‍तरायण हो जाते हैं और ठंड का प्रभाव धीरे-धीरे कम होने लगता है. बसंत पंचमी तक आते-आते कड़ाके की ठंडक का असर काफी कम हो जाता है और मौसम सुहावना हो जाता है. इस मौसम में पेड़-पौधों पर नई पत्तियां, फूल-कलियां खिलने लगती हैं, आम के पेड़ बौरों से लद जाते हैं और खेतों में सरसों की फसल लहलहाने लगती है. खेतों में सरसों के पीले-पीले फूल देखकर ऐसा लगता है कि मानो प्रकृति ने पीले रंग से खुद का शृंगार कर लिया हो. कुल मिलाकर बसंत के मौसम में पीला रंग प्रधान रंग बन जाता है. इसी बसंत के मौसम में माता सरस्‍वती का प्राकट्य दिवस भी आता है. ऐसे में मां सरस्‍वती को भी बसंत के इस पीले रंग से जुड़ी चीजें अर्पित कर उनका पूजन किया जाता है.

सादगी, सात्विकता और सकारात्‍मकता का रंग

इस मामले में ज्‍योतिषाचार्य डॉ. अरविंद मिश्र का कहना है पीला रंग सादगी, सात्विकता, समृद्धि और आशावाद का रंग माना गया है. पूजा-पाठ वगैरह में इसे हमेशा से काफी शुभ माना जाता रहा है. पीले रंग का मतलब प्रकाश से भी होता है. जहां प्रकाश होता है, वहां अंधकार यानी नकारात्‍मकता नहीं हो सकती. मां सरस्‍वती ज्ञान की देवी हैं. ज्ञान से जब किसी का जीवन प्रकाशित होता है तो उसे जीवन में सही और गलत का फर्क समझ में आने लगता है यानी पीला रंग व्‍यक्ति को अज्ञान से ज्ञान की ओर ले जाने वाला रंग है. ऐसे में ज्ञान की देवी की पूजा के समय उन्‍हें पीले रंग की चीजों को अर्पित करके हम उनके प्रति आदर, समर्पण और उनकी इस कृपा के लिए आभार प्रकट करते हैं.

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