Basant Pachami 2023: हिंदू पंचाग के अनुसार, बसंत पंचमी का त्योहार हर साल माघ महीने के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को मनाई जाती है. इस साल यह त्योहर 26 जनवरी को गुरुवार के दिन पड़ रही है. इस दिन विद्या, ज्ञान, कला की देवी मां सरस्वती की विधिवत पूजा करने का विधान है.  इस बार मां सरस्वती की पूजा- अर्चना करने से दोगुना फल की प्राप्ति होगी.

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देवी को पीले रंग की चीजों का भोग

इस दिन ज्ञान की देवी को पीले रंग की चीजों का भोग लगाया जाता है. इस दिन पीले रंग के कपड़े भी पहने जाते हैं. मान्यता है कि इस दिन पूजा-आराधना करने से माता सरस्वती शीघ्र प्रसन्न होती हैं और ज्ञान का आशीर्वाद प्रदान करती हैं.

बसंत पंचमी के दिन बनाएं जाने वाले 5 प्रसाद

  • केसरिया मीठे चावल (Saffron Sweet Rice Recipe)
  • बेसन के लड्डू (Besan Ladoo Recipe)
  • मूंग की दाल का हलवा (Moong Dal Halwa Recipe)
  • मकई का हलवा (Makai Ka Halwa Recipe)
  • शाही फिरनी (Shahi Phirni Recipe)

इस दिन भूल कर भी न करें ये काम

  • इस दिन बिना स्नान किए किसी भी चीज का सेवन न करें. स्नान आदि करने के बाद मां सरस्वती की पूजा करने के बाद ही कुछ ग्रहण करें.
  • इस दिन पेड़-पौधों की कटाई-छटाई न करें. वसंत ऋतु के सम्मान के लिए वृक्षों को काटने से बचें.
  • वसंत पंचमी के दिन भूलकर भी काले, लाल या अन्य रंग बिरंगे वस्त्र नहीं धारण करने चाहिए.
  • वसंत पंचमी के दिन देवी सरस्वती की पूजा आराधना होती है. हवन आदि भी किया जाता है. इस दिन सात्विक भोजन ग्रहण करना अच्छा होता है.
  • वसंत पंचमी या सरस्वती पूजा के दिन मांस-मंदिरा से दूरी बनाकर रखें.
  • वसंत पंचमी के दिन मन में कोई भी गलत विचार न लाएं और न ही किसी व्यक्ति को अपशब्द कहें.

तिथि और शुभ मुहूर्त

माघ शुक्ल पंचमी तिथि 25 जनवरी को दोपहर 12 बजकर 33 मिनट से शुरू होकर 26 जनवरी को सुबह 10 बजकर 37 मिनट तक रहेगी. ऐसे में उदयातिथि के अनुसार, बसंत पंचमी का त्योहार 26 जनवरी को मनाया जाएगा. ऐसे में शुभ मुहूर्त 26 जनवरी को सुबह 7 बजकर 6 मिनट से लेकर दोपहर 12 बजकर 34 मिनट तक रहेगा. इस दौरान मां सरस्वती की पूजा- अर्चना की जा सकती है.

बसंत पंचमी 2023 शुभ मुहूर्त- Basant Panchami 2023 Shubh Muhurat

  • पंचमी आरंभ: 25 जनवरी 2023, दोपहर 12:34 से
  • पंचमी समाप्त- 26 जनवरी 2023, सुबह 10:28 तक
  • उदयातिथि के अनुसार, बसंत पंचमी 26 जनवरी 2023 को मान्य होगी.
  • पूजा के लिए शुभ मुहूर्त- 26 जनवरी 2023, सुबह 07:12 से दोपहर 12:34 तक.

माता सरस्वती पूजा की विधि (Mata Saraswati Puja Vidhi)

  • बसंत पंचमी के दिन व्यक्ति को सुबह ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान आदि करना चाहिए और साफ वस्त्र धारण करने चाहिए.
  • मां सरस्वती की पूजा के लिए पीले रंग का वस्त्र शुभ माना जाता है.
  • इसके बाद ईशान कोण में मां सरस्वती की प्रतिमा या तस्वीर स्थापित करें और उनको पीले रंग का वस्त्र अर्पित करें.
  • इसके बाद माता को हल्दी, चंदन, रोली, केसर, पीले रंग का पुष्प, मिठाई और अक्षत अर्पित करें.
  • पूजा स्थान पर किताब का छोटा वाद्य यंत्र जैसे बांसुरी को भी स्थापित करें और इनकी उपासना करें.
  • इसके बाद मां सरस्वती को समर्पित मंत्रों का जाप करें और अंत में आरती अवश्य करें.

मां सरस्वती के मंत्र

1. या कुंदेंदुतुषारहारधवला, या शुभ्रवस्त्रावृता।

या वीणा वर दण्डमण्डित करा, या श्वेत पद्मासना।।

या ब्रहमाऽच्युत शंकर: प्रभृतिर्भि: देवै: सदा वन्दिता।

सा मां पातु सरस्वती भगवती, नि:शेषजाड्यापहा।।

2. ॐ श्री सरस्वती शुक्लवर्णां सस्मितां सुमनोहराम्।

कोटिचंद्रप्रभामुष्टपुष्टश्रीयुक्तविग्रहाम्।।

वह्निशुद्धां शुकाधानां वीणापुस्तकमधारिणीम्।

रत्नसारेन्द्रनिर्माणनवभूषणभूषिताम्।।

सुपूजितां सुरगणैब्रह्मविष्णुशिवादिभि:।

वन्दे भक्तया वन्दिता च।।

3. माता सरस्वती मूल मंत्र- ॐ ऐं सरस्वत्यै ऐं नमः।।

4. सरस्वती गायत्री मंत्र- ॐ सरस्वत्यै विद्महे, ब्रह्मपुत्रियै धीमहि। तन्नो देवी प्रचोदयात।।