राजनीति के युग पुरुष कहे जाने वाले भारत के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की आज पांचवीं पुण्‍यतिथि  (5th Death Anniversary of Atal Bihari Vajpayee) है. इस मौके पर आज पूरा देश उन्‍हें याद कर रहा है. देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी अटल बिहारी वाजपेयी को याद किया है और ट्वीट के जरिए उनकी पांचवीं पुण्‍यतिथि पर श्रद्धांजलि अर्पित की है. साथ ही पीएम नरेंद्र मोदी ने इस मौके पर 'सदैव अटल' स्मारक पर पुष्पांजलि अर्पित की.

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इस मौके पर पीएम नरेंद्र मोदी ने लिखा है - ' मैं भारत के 140 करोड़ लोगों के साथ मिलकर अटल जी को उनकी पुण्य तिथि पर श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं. उनके नेतृत्व से भारत को बहुत लाभ हुआ. उन्होंने हमारे देश के विकास को नई बुलंदियों तक पहुंचाने और 21वीं शताब्दी में हर सेक्टर में देश को आगे ले जाने में आपकी अहम भूमिका निभाई.

पीएम मोदी के अलावा रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी, लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला, एनसीपी नेता प्रफुल्ल पटेल, केंद्रीय मंत्री और अपना दल (सोनीलाल) की नेता अनुप्रिया पटेल और HAM के जीतन राम मांझी समेत तमाम एनडीए नेताओं ने पूर्व पीएम अटल बिहारी वाजपेयी की पुण्यतिथि पर 'सदैव अटल' स्मारक पर पुष्पांजलि अर्पित की.

 

विपक्षी भी थे कार्यशैली के दीवाने

बता दें कि अटल बिहारी वाजपेयी सिर्फ देश के पूर्व प्रधानमंत्री ही नहीं थे, बल्कि वे एक ऐसे रत्न थे जिन्होंने राजनीतिक पटल पर अमिट कहानी लिखी. पार्टी के लोग ही नहीं विपक्षी भी उनकी कार्यशैली के दीवाने थे. अटल की भाषा शैली इतनी जबरदस्त थी कि जब वे बोलते थे तो पंडित जवाहर लाल नेहरू जैसे नेता भी उन्हें मंत्रमुग्ध होकर सुना करते थे. अपने राजनीतिक जीवन में अटल बिहारी वाजपेयी 3 बार प्रधानमंत्री बने. पहली बार 16 मई, 1996 में अटल बिहारी वाजपेयी ने पहली बार प्रधानमंत्री के रूप में देश की बागडोर संभाली, लेकिन बहुमत साबित न कर पाने के कारण कार्यकाल 13 दिन का ही रहा. इसके बाद 1998 में और फिर 19 मार्च 1999 से 22 मई 2004 तक भारत के प्रधानमंत्री रहे.

पोखरण परीक्षण से लेकर परमाणु युद्ध तक

प्रधानमंत्री रहते हुए अटल बिहारी वाजपेयी ने अटल सरकार ने 11 और 13 मई 1998 को पोखरण में पांच भूमिगत परमाणु परीक्षण विस्फोट करके भारत को परमाणु शक्ति संपन्न देश घोषित कर दिया. 1999 में उनके कार्यकाल के दौरान ही भारत पाकिस्तान के बीच कारगिल युद्ध हुआ और भारत ने दुश्मन को युद्ध में धूल चटाकर अपना क्षेत्र मुक्त कराया. वाजपेयी सरकार के दौरान भारत के चारों कोनों को सड़क मार्ग से जोड़ने के लिए स्वर्णिम चतुर्भुज परियोजना शुरू की गई. इसके अंतर्गत दिल्ली, कलकत्ता, चेन्नई व मुम्बई को राजमार्ग से जोड़ा गया. वर्ष 2014 में उन्हें भारत रत्न से नवाजा गया. 

 

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