Anant Chaturdashi 2022 : गणपति का विसर्जन करते समय ध्यान रखें ये बातें, जानें शुभ मुहूर्त और विसर्जन विधि
अगर आपने भी इस बार अपने घर में गणपति की स्थापना की है, तो यहां ज्योतिषाचार्य से जानें विसर्जन का शुभ मुहूर्त और विसर्जन के नियम व विधि के बारे में.
गणेश चतुर्थी के साथ शुरू होने वाले गणेशोत्सव का समापन अनंत चौदस को होता है. इस बार अनंत चौदस 9 सितंबर शुक्रवार को है. दस दिनों बाद गणपति अपने घर के लिए विदा होंगे. इस दिन गणपति का विसर्जन किया जाएगा. अनंत चतुर्दशी के दिन गणपति का विधि-विधान से पूजन करें. इसके बाद उन्हें विसर्जन के लिए लेकर जाएं. अगर आपने भी अपने घर में गणपति की स्थापना की है, तो यहां ज्योतिषाचार्य डॉ. अरविंद मिश्र से जानें विसर्जन का शुभ मुहूर्त और विधि के बारे में.
विसर्जन का शुभ मुहूर्त
ज्योतिषाचार्य के मुताबिक चतुर्दशी तिथि 8 सितंबर को सुबह 09.02 से शुरू होगी और 9 सितंबर 2022 को शाम 06:07 बजे तक रहेगी. विसर्जन के लिए शुभ समय 9 सितंबर को को सुबह 06.25 बजे से शाम 06:07 तक रहेगा. 9 सितंबर को सुबह 10:30 से 12 बजे तक राहुकाल रहेगा. इस बीच विसर्जन व पूजन न करें.
इस तरह करें गणपति का पूजन
गणपति का विसर्जन करने से पहले उनकी पूजा करनी चाहिए. लाल चन्दन, लाल पुष्प, दूर्वा, मोतीचूर के लड्डू या बेसन के लड्डू, पान, सुपारी, धूप-दीप आदि गणपति को अर्पित करें. एक पोटली में लड्डू और दक्षिणा बांधकर उनके हाथ में दें. मान्यता है कि गणपति इस दिन अपने घर को लौटते हैं, ऐसे में उन्हें खाली हाथ नहीं भेजा जाता. इसके बाद उनसे क्षमा याचना करें और परिवार के संकट दूर करने की प्रार्थना करें. फिर जयकारों के साथ पाटे समेत गणपति की मूर्ति को उठाएं और धूमधाम से पुष्पों और लाल रंगों की बौछार करते हुए गणपति को विसर्जन के लिए लेकर जाएं.
विसर्जन के दौरान ध्यान रखें ये बातें
- अगर मिट्टी की छोटी मूर्ति है तो अपने घर पर पानी के टब में विसर्जन करें. मिट्टी घुलने के बाद पानी को गमलों में डाल दें. मूर्ति बड़ी है तो प्रशासन द्वारा नियत स्थान अथवा कुण्ड में विसर्जन करें.
- विसर्जन के दौरान गणपति से फिर से आने के लिए कहें. इस कार्य के दौरान स्वच्छता का पूरा खयाल रखें.
- स्वच्छता सिर्फ शरीर की ही नहीं, मन की भी रखें. किसी के लिए दूषित विचार मन में न लाएं.
- विसर्जन के समय तक व्रत रखें. विसर्जन के बाद भी शराब, मीट आदि न खाएं.