Air Pollution in Delhi: दिल्ली की दमघोंटू हवा के बीच अस्थमा के मरीज ऐसे करें अपना बचाव
दिल्ली में प्रदूषण तेजी से बढ़ रहा है. इसको देखते हुए दिल्ली में GRAP-1 पहले से लागू है और GRAP-2 के लागू होने के भी आसार नजर आ रहे हैं. इन स्थितियों के बीच अस्थमा और सांस की बीमारियों से जूझ रहे मरीज अपना खयाल कैसे रख सकते हैं. यहां जानिए-
सर्दियां अभी शुरू भी नहीं हुई हैं कि दिल्ली की हवा में जहर घुलने लगा है. दिल्ली-एनसीआर की हवा तेजी से प्रदूषित हो रही है. तमाम जगहों पर प्रदूषण का स्तर खतरनाक लेवल पर पहुंच गया है. इसको देखते हुए दिल्ली में GRAP-1 पहले से लागू है. जिस तरह के हालात हैं, उन्हें देखते हुए लगता है कि जल्द ही GRAP-2 भी यहां लागू किया जा सकता है. इस जहरीली हवा के बीच आम लोगों को तो समस्या होती ही है, लेकिन सबसे ज्यादा परेशानी उन लोगों को होती है जो पहले से बीमार हैं, अस्थमा या सांस की किसी अन्य बीमारी से ग्रसित हैं. ऐसे लोग इस दमघोंटू हवा के बीच किस तरह से अपना खयाल रख सकते हैं? यहां जानिए इसके बारे में-
प्रदूषण के चलते बढ़ते हैं अस्थमा अटैक
इस मामले में सांस रोग विशेषज्ञ डॉ. निष्ठा सिंह का कहना है कि अस्थमा जिसे दमा के नाम से भी जाना जाता है, सांस से जुड़ी एक बीमारी है. इसमें सांस की नलियों में किसी कारणवश सूजन आ जाती है, जिसके चलते व्यक्ति को सांस लेने में परेशानी होती है. प्रदूषण, धूल के कण, धुआं, सीलन, धूम्रपान, पालतू जानवर के फर, कफ, जुकाम आदि एलर्जन्स के कारण ये समस्या बढ़ जाती है.
ऐसे में सांस नलिकाएं सिकुड़ जाती हैं और इसके कारण नली बेहद पतली हो जाती है या कई बार ब्लॉक हो जाती है. ऐसे में मरीज को सांस लेने में समस्या होने लगती है और वो छोटी-छोटी सांसें लेता हैं. पूरी सांस न मिलने के कारण उसका दम घुटने लगता है. इसे ही अस्थमा अटैक कहा जाता है. प्रदूषण, अस्थमा को ट्रिगर करने का काम करता है और ऐसे में मरीजों को बार-बार अस्थमा अटैक आने की संभावना बढ़ती है. इस तरह की किसी भी परेशानी से बचने के लिए अस्थमा या किसी अन्य सांस के रोग से जूझ रहे मरीजों को विशेष सावधानी बरतने की सलाह दी जाती है.
ये सावधानियां बरतना बहुत जरूरी
1. घर से बाहर घूमने के लिए निकलने से बचें. यदि निकलना पड़ रहा है तो मास्क का प्रयोग जरूर करें.
2. अपने घर से जब भी निकलें इन्हेलर जरूर पास रखें, ताकि जब भी आपको किसी तरह की परेशानी हो, तो आप उसे कंट्रोल कर पाएं.
3. घर के अंदर और आसपास तुलसी और मनीप्लांट आदि पौधे लगाएं जो वातावरण की शुद्धि का काम करते हैं.
4. शरीर में पानी की कमी न होने दें. पानी खूब पीएं.
5. मॉर्निंग वॉक से बचें. इसकी बजाय घर में योग और एक्सरसाइज करें.
6. घर के अंदर एयर प्योरीफायर लगवाएं और इनडोर प्लांट्स रखें जो घर के अंदर की हवा को स्वच्छ रखें.
6. हरी सब्जियां और फल प्रचुर मात्रा में खाएं, लेकिन इन्हें खाने से पहले अच्छी तरह से धोएं, ताकि इनमें चिपके प्रदूषण के कण पूरी तरह से साफ हो जाएं.
7. ऑयली फूड्स, बाहरी फूड्स खाने से परहेज करें. रात में सोने से पहले गुनगुना पानी जरूर पीएं.