Abhijit Sen Death : अगर आपको अपने आसपास किसी में दिखें हार्ट अटैक के ये लक्षण तो फर्स्टएड के तौर पर तुरंत आजमाएं ये 3 तरीके
अर्थशास्त्री अभिजीत सेन की तरह ही ऐसे तमाम लोग होते हैं, जो हार्ट अटैक आने के बाद अस्पताल तक भी नहीं पहुंच पाते और रास्ते में ही अपना दम तोड़ देते हैं. यहां जानें वो तरीके जो इमरजेंसी की स्थिति में मरीज की जान बचा सकते हैं.
अर्थशास्त्री और योजना आयोग के पूर्व अध्यक्ष अभिजीत सेन का 72 वर्ष की उम्र में निधन हो गया. अभिजीत सेन को रात में 11 बजे हार्ट अटैक आया था, जिसके बाद उन्हें अस्पताल ले जाया गया, लेकिन तब तक उनकी मृत्यु हो चुकी थी. अर्थशास्त्री अभिजीत सेन की तरह ही ऐसे तमाम लोग होते हैं, जो हार्ट अटैक आने के बाद अस्पताल तक भी नहीं पहुंच पाते और रास्ते में ही अपना दम तोड़ देते हैं. अगर आप अपने आसपास किसी व्यक्ति को हार्ट अटैक आते हुए देखें तो फौरन फर्स्टएड के तौर पर कुछ उपाय आजमाएं, ताकि उसकी जान को बचाया जा सके.
इन लक्षणों से करें हार्ट अटैक की पहचान
हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ. विद्या भास्कर की मानें तो सबसे पहले हार्ट अटैक के लक्षणों को समझना बहुत जरूरी है. सीने में भीषण दर्द और टूटन, सीने में भीषण दर्द और टूटन, दर्द का कंधे और जबड़े तक फैलना, ठंडा पसीना आना, चक्कर आना, सांस फूलना, बेहोशी की स्थिति, असामान्य थकावट महसूस होना आदि हार्ट अटैक के लक्षण हैं. इन लक्षणों को देखकर सतर्क हो जाएं और फौरन मरीज को अस्पताल लेकर जाएं.
फर्स्टएड होता क्या है
फर्स्टएड किसी समस्या का इलाज नहीं है. ये इमरजेंसी की स्थिति में मरीज को सुरक्षित अस्पताल तक पहुंचाने का एक कदम है. इसके जरिए आप मरीज को कुछ समय तक जोखिम से बचाए रख सकते हैं.
फर्स्टएड के तौर पर ये तरीके आजमाएं
- सबसे पहले मरीज को आरामदायक स्थिति में लेटाएं या बैठाएं. उसके आसपास भीड़ न जुटाएं. उसे किसी तरह की घुटन न होने दें. कपड़ों को ढीला कर दें, ताकि वो सांस ले सके.
- खून जब हार्ट तक नहीं पहुंच पाता तब हार्ट अटैक आता है. इसलिए आप एस्प्रिन की गोली को फौरन मरीज के मुंह में रख दें. ये खून को पतला करने का काम करेगी. इस बीच कुछ खिलाने-पिलाने की कोशिश न करें.
- फर्स्टएड के साथ फौरन मरीज को अस्पताल लेकर जाएं. एंबुलेंस का इंतजार न करें, टैक्सी से ही ले जाएं. मरीज जितनी जल्दी अस्पताल पहुंचेगा, स्थिति को उतनी जल्दी संभाला जा सकता है.