Ratan Tata के 5 फैसले: बदल दी इंडस्ट्री की तस्वीर, दुनिया में रही 'टाटा' की चर्चा
दिग्गज उद्योगपति रतन टाटा का बुधवार को निधन हो गया. रतन टाटा ने 1991 से लेकर 2012 तक लगातार 21 वर्षों तक टाटा ग्रुप का नेतृत्व किया. इस बीच उन्होंने ऐसे कई फैसले लिए जिनकी चर्चा दुनियाभर में हुई. यहां जानें ऐसे 5 फैसलों के बारे में-
भारत के दिग्गज कारोबारी रतन टाटा का बुधवार देर रात निधन हो गया. 86 साल की उम्र में उन्होंने दुनिया को अलविदा कह दिया. रतन टाटा सिर्फ एक सफल उद्योगपति नहीं थे, बल्कि एक ऐसी शख्सियत थे, जिन्हें लोग अपना आदर्श मानते थे. रतन टाटा ने 1991 से लेकर 2012 तक लगातार 21 वर्षों तक टाटा ग्रुप का नेतृत्व किया. उनके नेतृत्व में टाटा ग्रुप ने नए कीर्तिमान स्थापित किए. इस बीच कई ऐसे कारोबारी फैसले भी लिए गए, जिनकी वजह से टाटा की दुनियाभर में चर्चा हुई. यहां जानिए ऐसे ही 5 फैसलों के बारे में-
JLR Acquisition
रतन टाटा के नेतृत्व में टाटा ग्रुप की ओर से लग्जरी कार कंपनी जगुआर लैंड रोवर (JLR) का अधिग्रहण किया गया था. यह अधिग्रहण 2008 में टाटा मोटर्स की ओर से फोर्ड मोटर से 2.3 अरब डॉलर में किया गया था.इसे रतन टाटा का फोर्ड मोटर से बदला माना जाता है, क्योंकि 1999 में टाटा मोटर्स के पैसेंजर वाहन सेगमेंट को फोर्ड मोटर ने खरीदने से मना कर दिया था. इस दौरान फोर्ड के एक अधिकारी की ओर से रतन टाटा को कहा गया कि जब आपको कार बिजनेस का ज्ञान ही नहीं था, तो आपने इस सेगमेंट में क्यों एंट्री की. अगर हम इसे खरीद लेते हैं तो यह आप पर एहसान होगा. इसने रतन टाटा को गहरी चोट पहुंचाई और उन्होंने अपनी कार को बेहतर बनाने की दिशा में काम किया. इसके नौ साल बाद 2008 में जब फोर्ड मोटर वित्तीय संकट का सामना कर रही थी, जब टाटा मोटर्स की ओर से फोर्ड मोटर से जगुआर लैंड रोवर को खरीदा गया. उस समय फोर्ड ने कहा कि जेएलआर को खरीद कर आपने हमें राहत दी है.
Nano Launch
देश में आम लोगों तक कार पहुंचाने के लिए रतन टाटा की ओर से केवल एक लाख रुपए की कीमत में नैनो को 2008 में लॉन्च किया गया था. हालांकि, यह कार इतनी सफल नहीं हुई. 2012 में इसकी अधिकतम 74,527 यूनिट्स की बिक्री हुई.बाद में कम बिक्री के कारण इसका उत्पादन 2018 में बंद कर दिया गया था.
Telecom
रतन टाटा के नेतृत्व में टाटा ग्रुप ने कंज्यूमर टेलीकॉम में प्रवेश किया. उनकी कंपनी टाटा टेलीसर्विसेज और जापानी कंपनी एनटीटी डोकोमो ने मिलकर नवंबर 2008 में टाटा डोकोमो को लॉन्च किया. अपने कम ट्रैरिफ के कारण टाटा डोकोमो तेजी से भारतीय बाजार में लोकप्रिय हो गया. हालांकि, लगातार नुकसान के कारण एनटीटी डोकोमो इस संयुक्त उपक्रम से बाहर हो गया. फिर 2017 में कंपनी ने अपने ऑपरेशन बंद कर दिए और कारोबार का भारती एयरटेल द्वारा अधिग्रहण कर लिया गया.
Defence Sector
रतन टाटा के नेतृत्व में टाटा ग्रुप ने टाटा एडवांस सिस्टम लिमिटेड (टीएएसएल) के माध्यम से 2007 में रक्षा क्षेत्र में प्रवेश किया. यह रक्षा क्षेत्र में प्रवेश करने वाली शुरुआती निजी कंपनियों में से एक थी.
Air India Acquisition
रतन टाटा के मार्गदर्शन में टाटा ग्रुप की ओर से 2022 में एयर इंडिया का अधिग्रहण किया गया था. यह अधिग्रहण 18,000 करोड़ रुपए में किया गया था. टाटा ग्रुप की ओर से फिलहाल एयर इंडिया का कायाकल्प किया जा रहा है. वित्त वर्ष 24 में एयर इंडिया का नुकसान 60 प्रतिशत कम होकर 4,444 करोड़ रुपए हो गया है.