साल 2008 में आज ही का वो दिन था जब पाकिस्तान से समंदर के रास्ते आए आतंकियों ने पूरी मुंबई पर कहर मचा रखा था. आज इस हादसे को 15 साल पूरे हो गए हैं और आज भी सिर्फ मुंबई ही नहीं पूरा देश इसे याद करके कांप उठता है.  इस हमले में आतंकियों ने मुंबई की शान कहे जाने वाले ताज होटल को अपना निशाना बनाया था, जिसमें 18 सुरक्षाकर्मियों समेत 300 से ज्यादा लोग घायल हुए थे. आतंकियों के साथ पुलिस की मुठभेड़ 3 दिन तक चली थी जिसके बाद अजमल आमिर कसाब नाम के एक आतंकी को जिंदा पकड़ लिया गया था. बता दें कि मुंबई के इस हमले को देश ही नहीं पूरी दुनिया के सबसे बड़े आतंकी हमले में शामिल किया जाता है. चलिए जान लेते हैं 26/11 के दिन की पूरा कहानी. 

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इन जगहों को बनाया था निशाना 

समुद्र के रास्ते 10 आतंकी मुंबई पहुंचे थे और उन्होंने ताज होटल समेत कई और ठिकानों को अपना निशाना बनाया था जिसमें ताज होटल, ओबेरॉय ट्राइडेंट होटल और नरीमन हाउस जैसी जगह शामिल थीं. इतना ही नहीं बल्कि आतंकियों ने छत्रपति शिवाजी टर्मिनल रेलवे स्टेशन को भी अपना निशाना बनाया था और  4 आतंकियों ने एके-47 से लोगों पर ताबड़तोड़ फायरिंग शुरू कर दी थी. इस आतंकी हमले से 3 दिनों तक मुंबई की रफ्तार थम गई थी. 

अस्पताल में भी किया था हंगामा 

आतंकी अजमल कसाब के साथ एक आतंकी सीएसएमटी स्टेशन से निकलकर कामा अस्पताल में घुसे थे जिसके बाद उन्होंने लगभग करीब पांच घंटे तक इस अस्पताल में हंगामा मचाया था. इस पूरे हंगामे में अस्पताल के दो चौकीदार शहीद हो गए थे और साथ ही कई कर्मचारी भी घायल हो गए थे.    

ऐसे शुरू किया गया था ऑपरेशन 

मुंबई पुलिस और सेना ने आतंकियों के खिलाफ एक ऑपरेशन शुरू किया था, जो कि 3 दिनों तक चला था. इस ऑपरेशन में NSG कमांडो भी शामिल थे. बता दें कि इस तीन दिन तक चलाए गए ऑपरेशन में सभी आतंकियों को मार गिराया और एक अजमल आमिर कसाब को जिंदा पकड़ लिया गया था. इसके बाद कसाब को साल 2012 फांसी दे दी गई थी.