YouTube Content Creator: वीडियो शेयरिंग प्लेटफॉर्म YouTube के क्रिएटर इकोसिस्टम ने देश की इकोनॉमी में "काफी" इकोनॉमिक वैल्यू को जोड़ा है. 2020 में इन कंटेंट क्रिएटर्स ने भारत की इकोनॉमी में 6,800 करोड़ रुपये का योगदान दिया है.

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ऑक्सफोर्ड इकोनॉमिक्स की रिपोर्ट ने भारत में YouTube के आर्थिक, सामाजिक और सांस्कृतिक प्रभाव का आकलन किया है.

6,800 करोड़ रुपये का दिया योगदान

रिपोर्ट से पता चलता है कि "YouTube के बढ़ते क्रिएटर इकोसिस्टम ने काफी इकोनॉमिक वैल्यू उत्पन्न किया है. इन क्रिएटर्स ने देश की जीडीपी में 6,800 करोड़ रुपये का योगदान दिया और यह 2020 में भारत में 6,83,900 पूर्णकालिक समकक्ष नौकरियों के बराबर है.

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ऑक्सफोर्ड इकोनॉमिक्स ने अपनी इस स्टडी में YouTube के विज्ञापन रेवेन्यू के साथ अन्य रेवेन्यू जैसे, गैर-विज्ञापन रेवेन्यू (सब्सक्रिप्शन और मोनेटाइजेशन) और ऑफ प्लेटफॉर्म रेवेन्यू (फैन-मीटअप और स्पॉन्सरशिप) को भी जोड़ा है.

YouTube ने कहा कि प्लेटफॉर्म पर उत्पन्न किए रेवेन्यू के अलावा, यह क्रिएटर्स को उनके ग्लोबल फैनबेस के जरिए भी रेवेन्यू बनाने में मदद करता है, जैसे- ब्रांड पार्टनरशिप, लाइव परफॉरमेंस और अन्य तरीकों से क्रिएटर्स रेवेन्यू कमा सकते हैं.

सप्लाई चेन को मिलता है बढ़ावा

यूट्यूब ने कहा कि रेवेन्यू के ये सोर्स न केवल क्रिएटिव उद्यमियों के लिए नौकरियों का निर्माण करते हैं, बल्कि ये सप्लाई चेन में एक व्यापक गतिविधि को भी बढ़ावा देते हैं.

रिपोर्ट पर टिप्पणी करते हुए, YouTube पार्टनरशिप के क्षेत्रीय निदेशक (एशिया-प्रशांत) अजय विद्यासागर ने कहा कि देश में क्रिएटर इकोनॉमी के पास इकोनॉमिक ग्रोथ, जॉब क्रिएशन और यहां तक कि सांस्कृतिक प्रभाव को प्रभावित करने वाली एक सॉफ्ट पावर के रूप में उभरने की क्षमता है.

YouTube के हैं इतने यूजर्स

पिछले साल सरकार द्वारा साझा किए गए अनुमानों के अनुसार, देश में YouTube के 44.8 करोड़ यूजर्स, WhatsApp के 53 करोड़ यूजर्स, फेसबुक के 41 करोड़ यूजर्स, इंस्टाग्राम के 21 करोड़ यूजर्स और ट्विटर के 1.75 करोड़ यूजर्स हैं.