Smartphone की भी होती है Expiry Date, जानें कितनी है आपके स्मार्टफोन की लाइफ
एप्पल का फोन 4 से 8 साल तक के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है. सैमसंग के फोन की उम्र 3 से 6 साल होती है. बड़े या छोटे ब्रांड के अनुसार भी मोबाइल की उम्र कम ज्यादा हो सकती है.
हम में से अधिकतर लोग स्मार्टफोन खरीदते समय उसका लुक, स्टोरेज, कीमत और कैमरा आदि देखते हैं. जब हम स्मार्टफोन खरीदते हैं तो हमें लगता है कि स्मार्टफोन को अगर ठीक ढंग से इस्तेमाल किया जाए तो, ये खराब नहीं होगा, लेकिन यह मानना हमारी गलतफहमी है. क्योंकि स्मार्टफोन की बॉडी को तो आप हिफाजत से रख सकते हैं लेकिन इसके इंटरनल पार्ट्स में कुछ न कुछ खराबी आने लगती है. दवाई और खाने की एक्सपायरी की तरह फोन की भी एक्सपायरी होती है. आइए जानते हैं स्मार्टफोन की एक्सपायरी डेट क्या होती है.
स्मार्टफोन की लाइफ
स्मार्टफोन एक इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस है. दरअसल, स्मार्टफोन की कोई एक्सपायरी डेट नहीं होती है. लेकिन कुछ ऐसे कारण होते हैं जिनकी वजह से स्मार्टफोन खराब हो जाता है. औसतन मोबाइल की उम्र करीब ढाई साल होती है. कुछ की उम्र इससे कम भी हो सकती है. बड़े या छोटे ब्रांड के अनुसार भी मोबाइल की उम्र कम ज्यादा हो सकती है. जैसे एप्पल का फोन 4 से 8 साल तक के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है. सैमसंग के फोन की उम्र 3 से 6 साल होती है.
स्मार्टफोन बैटरी की होती है एक्सपायरी डेट
स्मार्टफोन में बैटरी एक ऐसा पार्ट है जिसकी एक्पायरी डेट होती है और फोन ठीक तरीके से काम नहीं करता है. स्मार्टफोन की बैटरी में केमिकल का यूज किया जाता है जो एक समय के बाद एक्सपायर हो जाती है. बता दें कि हर स्मार्टफोन बैटरी के पीछे लिखा रहता है कि इसे कितनी बार चार्ज किया जा सकता है. दरअसल यही इस की एक्सपायरी डेट होती है. स्मार्टफोन की बात जाए तो इसकी एक्सपायरी डेट इसमें इस्तेमाल होने वाली बैटरी की एक्सपायरी डेट पर निर्भर करती है हालांकि अगर बैटरी को बदलवा लिया जाए तो स्मार्टफोन को लंबे समय तक चलाया जा सकता है.
कंपनियों की स्ट्रैटजी
आजकल स्मार्टफोन बनाने वाली कंपनियां अपनी बिक्री बढ़ाने के लिए नई स्ट्रैटजी अपना रही है. आजकल स्मार्टफोन खरीदने के 2-3 साल बाद सॉफ्टवेयर अपडेट मिलना बंद हो जाता है. इसकी वजह से स्मार्टफोन का इस्तेमाल करना काफी मुश्किल हो जाता है. नए अपडेट न मिलने से Smartphone की परफॉरमेंस खराब हो जाती है. इसकी वजह से आपको नया फोन खरीदना पड़ता है. यहीं नहीं कंपनियां दो-तीन साल बाद फोन के एक्सेसरीज भी बनाना बंद कर देती हैं.