बाजार से जब भी हम कोई चीज खरीदते हैं, तो उसके रूप, रंग और आकार अलग-अलग होते हैं. लेकिन इनका रंग या आकार यूं ही नहीं बना दिया जाता. इसके पीछे कोई न कोई वजह जरूर होती है, जिस पर लोग अक्‍सर ध्‍यान नहीं देते. मोबाइल में लगने वाले सिम कार्ड के मामले भी यही बात लागू होती है. सिम कार्ड एक ऐसी चीज है जिसके बगैर मोबाइल का कोई यूज नहीं है. आज के समय में करीब-करीब हर व्‍यक्ति मोबाइल का इस्‍तेमाल करता है, उसमें दो-दो सिम डालकर यूज करता है. लेकिन क्‍या आपने कभी ये सोचा है कि सिम कार्ड के एक तरफ का कोना कटा क्‍यों होता है ? आइए आपको बताते हैं.

शुरुआती समय में नहीं कटे होते थे सिम कार्ड

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ऐसा नहीं है कि सिम कार्ड को हमेशा से ऐसा ही बनाया जा रहा है जिसमें उसका एक साइड का कोना कटा रहता है. शुरुआती समय में सिम कार्ड का डिजाइन बेहद नॉर्मल और चौकोर होता था. लेकिन कस्‍टमर्स की जरूरत और सुविधा को देखते हुए इसके कोने को एक साइड से काटकर डिजाइन को तैयार किया गया. आज दुनियाभर में मौजूद टेलीकॉम कंपनियां इसी तरह के सिम कार्ड बनाकर बेचती हैं.

इसलिए काटा गया कोना

पहले के समय में सिम कार्ड के चौकोर आकार से कस्‍टमर्स कन्‍फ्यूज हो जाते थे, कि मोबाइल में सिम को किस तरह से लगाया जाए. तमाम लोगों को तो उल्‍टी और सीधी सिम में भी पहचान करने में दिक्‍कत होती थी. उपभोक्‍ताओं की इस परेशानी को समझते हुए टेलीकॉम कंपनियों ने उनकी सुविधा के लिए इसके आकार में बदलाव किया. आज यही आकार सिम की पहचान बन गया है.

कट लगने से हुआ कन्‍फ्यूजन दूर

सिम में एक कट लग जाने से कस्‍टमर्स को काफी सुविधा मिली. अब सिम को लगाने में किसी तरह का  कन्‍फ्यूजन नहीं होता है क्‍योंकि मोबाइल में सिम कार्ड वाले स्‍लॉट में वो कट दिखाया जाता है. इसके अलावा अब समय के साथ सिम कार्ड के आकार में भी बदलाव किया जाने लगा है. आजकल ज्‍यादातर फोन के लिए छोटी सिम इस्‍तेमाल की जाती है. ऐसे में टेलीकॉम कंपनियां ऐसी सिम तैयार करती हैं, जिससे उन्‍हें पुराने मोबाइल के साथ खांचा फिट करके डाला जा सके और नए मोबाइल में खांचा हटाकर यूज किया जा सके.