MNP से कंपनी ने मना किया तो लगेगा 10000 रुपए जुर्माना
दूरसंचार नियामक ट्राई ने मोबाइल नंबर पोर्टेबिलिटी (MNP) प्रणाली पर महत्वपूर्ण फैसला लिया है.
दूरसंचार नियामक ट्राई ने मोबाइल नंबर पोर्टेबिलिटी (MNP) प्रणाली पर महत्वपूर्ण फैसला लिया है. उसने एमएनपी में लगने वाला समय घटा दिया है. अब एक सर्किल में एमएनपी कराने पर सिर्फ दो दिन में नंबर पोर्ट हो जाएगा. वहीं एक सर्किल से दूसरे सर्किल में पोर्टिंग में अब सिर्फ 4 दिन लगेंगे. पहले इसमें ज्यादा समय लगता था. ट्राई ने इस साल मार्च में कहा था कि वह एमएनपी की समीक्षा कर रहा है ताकि ग्राहकों के लिए एमएनपी प्रक्रिया को सरल व तीव्र बनाया जा सके. एमएनपी वह प्रणाली है जिसमें कोई मोबाइल ग्राहक अपने मौजूदा मोबाइल नंबर को बनाए रखते हुए किसी दूसरी कंपनी की सेवा ले सकता है.
पोर्टिंग से मना करने पर कंपनी पर लगेगा जुर्माना
ट्राई के संशोधन नियमन 2018 के ड्राफ्ट के मुताबिक अगर कोई टेलीकॉम कंपनी इतने समय में पोर्टिंग नहीं कर पाती है तो उस पर तगड़ा जुर्माना लगेगा. अगर टेलीकॉम कंपनी ग्राहक को पोर्टिंग से मना करती है तो इसके लिए पर्याप्त वजह बतानी होगी. ऐसा न होने पर उस पर 10 हजार रुपए तक जुर्माना लगेगा.
एमएनपी प्रक्रिया के समय को कम करना है लक्ष्य
ट्राई के चेयरमैन आरएस शर्मा ने पहले कहा था कि हम एमएनपी प्रक्रिया को तीव्र करने के लिए परामर्श पत्र ला रहे हैं. परामर्श पत्र का लक्ष्य इस प्रक्रिया में लगने वाले समय को कम करना तथा प्रक्रिया में बदलाव लाना है.
79 प्रतिशत घटाया था MNP शुल्क
नियामक ने हाल में एमएनपी शुल्क को लगभग 79 प्रतिशत घटाकर अधिकतम 4 रुपये कर दिया था. ईटी की खबर के मुताबिक नियामक ने इस काम की कम लागत तथा बड़ी संख्या को ध्यान में रखते हुए यह फैसला लिया था. एमएनपी शुल्क दरों की समीक्षा के लिए परामर्श प्रक्रिया दिसंबर 2017 में शुरू की गई थी.