शादी, सगाई के अलावा फेस्टिव सीजन (Festive Season) में सोने की डिमांड काफी बढ़ जाती है. कुछ लोग गोल्‍ड पहनने के शौकीन होते हैं, इसलिए ऐसे मौके पर सोना खरीदते हैं, वहीं कुछ लोग इसे बेहतर निवेश मानकर इसे खरीदते हैं. धनतेरस (Dhanteras) का त्‍योहार आने वाला है_ 23 इस मौके पर फिर से सोने की सेल बढ़ जाएगी. सोना की ज्‍वेलरी खरीदते समय काफी सावधानी बरतने की जरूरत होती है, क्‍योंकि इसमें आप धोखाधड़ी के शिकार हो सकते हैं. अगर आप भी इस धनतेरस पर गोल्‍ड की ज्‍वेलरी खरीदने की प्‍लानिंग कर रहे हैं तो गोल्‍ड खरीदते समय इन 5 बातों का खासतौर पर खयाल रखें.

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हॉलमार्क वाला सोना खरीदें

हॉलमार्क वाला सोना प्रमाणित सोना होता है. हॉलमार्क सोने की शुद्धता का पैमाना होता है. इसके तहत  हर गोल्ड ज्वैलरी पर भारतीय मानक ब्यूरो (BIS) अपने मार्क के द्वारा शुद्धता की गारंटी देता है. हॉलमार्क वाला सोना सिर्फ 14, 18 और 22 कैरेट में ही बिकता है.

ऐसे पहचानें कितने कैरेट का है सोना

छोटे ज्वेलर्स कई बार हॉलमार्क वाली ज्‍वेलरी नहीं रखते हैं, ऐसे में आपके साथ धोखा हो सकता है. इसलिए सोने की खरीद हमेशा विश्‍वसनीय शॉप से ही करें. सोना खरीदते समय आप खुद भी ये समझ सकते हैं कि सोना कितने कैरेट का है. 22 कैरट पर 916, 21 कैरट पर 875 और 18 पर 750 लिखा होता है. 

मौजूदा भाव चेक करके जाएं

सोने की खरीददारी से पहले उसका मौजूदा भाव चेक जरूर कर लें. खरा सोना जरूर 24 कैरेट का होता है, लेकिन आभूषण सिर्फ 14, 18 और 22 कैरेट के सोने से ही बनता है. हर कैरेट का अलग भाव होता है. आप जब भी सोना खरीदने जाएं तो एक बार कैरेट के हिसाब से सोने का भाव जरूर चेक कर लें.

पेमेंट की रसीद लें

कई बार ज्‍वेलर्स आपसे नकद भुगतान करने के लिए कहते हैं, लेकिन आप उनकी बातों में न आएं. कैश भुगतान करने से बचें और जो भी आभूषण आपने खरीदा है, उसकी रसीद जरूर लें.

प्‍योरिटी सर्टिफिकेट मांगें

गोल्ड खरीदते वक्त अक्‍सर लोग प्‍योरिटी सर्टिफिकेट नहीं मांगते हैं, लेकिन आप ऐसी गलती न करें. . गोल्ड ज्वेलरी और उसमें लगे जेम स्टोन के लिए सर्टिफिकेट जरूर लें. इसके अलावा अगर आपने निवेश के लिहाज से सोने की खरीद की है तो ज्‍वेलर से रीसेलिंग पॉलिसी के बारे में जान लें.