अभी दिसंबर के महीने में टेलीकॉम कंपनियों (Telecom Company) ने अपने-अपने टैरिफ प्लान (tariff Charge) में इजाफा किया था. लेकिन कंपनियां एक बार फिर मोबाइल फोन ग्राहकों को झटका देने की तैयारी कर रही हैं. जानकारी मिली है कि फोन बिल (Phone Bill) इस साल और बढ़ सकता है. टेलिकॉम कंपनियां मोबाइल टैरिफ में 25-30 पर्सेंट का और इजाफा कर सकती हैं. 

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बता दें कि पिछले हफ्ते सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने भारती एयरटेल (Bharti Airtel), वोडाफोन आइडिया (Vodafone-Idea) समेत अन्य टेलीकॉम कंपनियों की पुनर्विचार याचिकाओं को खारिज करते हुए 23 जनवरी तक 1.47 लाख करोड़ रुपये सरकार को चुकाने के आदेश दिए थे.

दूरसंचार कंपनियों पर सरकार का 1.47 लाख करोड़ रुपये का बकाया है. दूरसंचार कंपनियों पर लाइसेंस शुल्क का 92,642 करोड़ रुपये और स्पेक्ट्रम उपयोग शुल्क 55,054 करोड़ रुपये बकाया है. इस बकाया के भुगतान को लेकर काफी समय से विवाद चल रहा है. कोर्ट ने भी टेलीकॉम कंपनियों के खिलाफ फैसला सुनाया है. 

 

सरकार के मुताबिक, भारती एयरटेल पर 21,682.13 करोड़, वोडाफोन-आइडिया पर 19,823.71 करोड़ रुपये, बीएसएनएल पर 2,098.72 और एमटीएनएल पर 2,537.48 करोड़ रुपये का एजीआर बकाया है. दूरसंचार कंपनियों को एजीआर का तीन फीसदी स्पेक्ट्रूम फीस और 8 प्रतिशत लाइसेंस फीस के तौर पर सरकार को देना होता है. 

एजीआर के भुगतान के चलते टेलीकॉम कंपनियों की आर्थिक स्थिति चरमरा सकती है. पहले से ही घाटे में चल रही कंपनियों ने दिसंबर के महीने में अपने टैरिफ प्लान में बदलाव करते हुए बिलों में 30-40 फीसदी तक का इजाफा किया था. टेलीकॉम कंपनियों का मानना है कि भारत में कॉलिंग और डेटा सर्विस दुनिया में सबसे सस्ती हैं. 

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आर्थिक संकट से उबरने के लिए टेलीकॉम कंपनियां एक बार फिर से टैरिफ प्लान बढ़ाने की तैयारी कर रही हैं. जानकारी मिली है कि कंपनियां अप्रैल में अपने चार्ज बढ़ा सकती हैं और यह इजाफा 30 से 40 फीसदी तक का हो सकता है.