अमरेली के राजुला गांव के किसान के इंजीनियर बेटे द्वारा आधुनिक तकनीक और खुद की सूझबूझ से बोरवेल में गिरने वाले मासूम बच्चों को  जल्दी से जल्दी और सुरक्षित बाहर निकालने के लिए एक रोबोट बनाया है.

COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

राजुला गांव में खेती का काम करने वाले एक युवक महेश अहीर ने इंजीनियरिंग की पढ़ाई की है और अब इस नौजवान इंजीनियर ने एक ऐसा रोबोट तैयार किया है जिससे मोबाइल फोन से कमांड देकर गहरे से गहरे बोरवेल में गिरे बच्चे को आसानी से निकाला जा सकता है. 

महेश के अनुसार, वह कई बार टीवी चैनल या फिर समाचार पत्रों में देखता था कि मासूम बच्चे खेलते-खेलते गहरे बोरवेल में गिर गए. कुछ तो काफी मशक्कत के बाद सही सलामत निकाल लिया गया, लेकिन बहुत से बच्चों की जान चली गई. इस तरह की घटनाएं महेश को हमेशा विचलित करती रही हैं. उसने बताया कि वह अक्सर सोचता कि हमारे देश में अभी तक ऐसी तकनीक कोई नहीं ईजाद हुई जो इस तरह की घटनाओं में मददगार साबित हो सके.

जब महेश इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर रहा था, तभी उसने अपने सपने को साकार करने की ठानी और लगातार नए-नए प्रयोग करता रहा. आखिरकार वह एक ऐसा रोबोट तैयार करने में कामयाब हो सकता हो जो बोरवेल में गिरे मासूमों की मदद कर सके.

25 मिनट में बाहर निकाला जाएगा बच्चा

महेश ने बताया कि उसके इस रोबोट को मोबाइल फोन से ऑपरेट किया जा सकता है. यह रोबोट बोरवेल के अंदर की साफ तस्वीरें खींच सकता है. बच्चे की हलचल को स्क्रीन पर देखकर आसानी से रेस्क्यू कर बोरवेल से बहार निकाला जा सकता है. इस रोबोट की मदद से बच्चे तक ऑक्सीजन और पानी पहुंचाया जा सकता है.

महेश ने बताया कि रोबोट बनाने की लागत लगभग 60,000 रुपये आई है. इससे बच्चे को बचाने के अभियान 25 मिनट लगते हैं. अगर बच्चा बोरवेल में नीचे की ओर अंदर फंस गया है, तो भी रोबोट में ऐसा सिस्टम है, जिससे बच्चे को आराम से ऊपर खींचा जा सकता है.

महेश ने इस रोबोट को काफी लोगों के सामने सफलतापूर्वक ऑपरेट भी किया है. महेश की मांग है कि सरकार उसके इस अविष्कार को प्रोत्साहित करे. 

(रिपोर्ट- निर्मल त्रिवेदी/ अमरेली)