Digital Arrest Case: राजस्थान के जोधपुर के प्रभात नगर में कंपनी से वीआरएस लेने वाले एक व्यक्ति को साइबर ठग गिरोह ने मनी लॉन्ड्रिंग में फंसने और गिरफ्तारी वारंट जारी होने का डर दिखाकर डिजिटल अरेस्ट कर लिया. उससे 11 चेक के जरिए 1.84 करोड़ रुपए 10 खातों में ट्रांसफर करवा लिए. धोखाधड़ी का पता लगने पर पीड़ित शनिवार देर शाम थाने पहुंचा और मामला दर्ज कराया. पीड़ित नरेश बेरवा ने बताया, “मुझे 25 तारीख को सुबह करीब 11 बजे 'टेलीफोन अथॉरिटी' से फोन आया, जिसमें मुझे यह बताया गया था कि आपकी फोन सेवा दो घंटे में डिस्कनेक्ट हो जाएगी.'

Digital Arrest Case: स्कैमर ने कहा- 'आधार नंबर का हुआ है गलत इस्तेमाल'

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पीड़ित के मुताबिक, मुझे एक नंबर पर कॉल करने को कहा गया. जब मैंने उस नंबर पर कॉल किया, तो वहां से सुरक्षा अधिकारियों से बात हुई. उन्होंने बताया कि मेरे आधार नंबर का इस्तेमाल किसी ने मुंबई में मोबाइल नंबर निकालने के लिए किया था और उससे कुछ गलत गतिविधियां जुड़ी हुई थीं.” नरेश बेरवा ने कहा, “जब मैंने कहा कि मैं पिछले 20 साल से मुंबई नहीं गया हूं, तो अधिकारी ने मुझे बताया कि पिछले साल अगस्त में मेरे आधार नंबर का उपयोग हुआ है. उन्होंने मुझे डराने की कोशिश की कि आपका नाम फर्जी गतिविधियों में फंसा हो सकता है, जिसमें मनी लॉन्ड्रिंग भी शामिल हो सकता है.” 

Digital Arrest Case: ठग ने धमकाया, जिंदगी को हो सकता है खतरा 

नरेश बेरवा ने बताया कि फिर उन्हें साइबर क्राइम सेल से संपर्क करने के लिए कहा गया, और वहां से मुझे बताया गया कि मेरे खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग का मामला चल रहा है. इस दौरान मुझे यह भी बताया गया कि मेरी जिंदगी को खतरा हो सकता है और मेरे परिवार को भी. अधिकारियों ने दावा किया कि अगर मैं उनके साथ सहयोग करूंगा, तो मेरे खिलाफ की गई कार्रवाई को रोका जा सकता है और मुझे मेरा पैसा वापस भी किया जाएगा.

Digital Arrest Case: 1 करोड़ 84 लाख 50 हजार रुपए का फंड किया ट्रांसफर

पीड़ित ने बताया कि उनसे एक आवेदन भरवाया गया और कहा गया कि उनके पास जो रिटायरमेंट फंड था, उसे वह तथाकथित अधिकारियों के पास जांच के लिए भेज दें. यह पैसा 24 घंटे के भीतर वापस मिल जाएगा. इस प्रक्रिया में, उनसे 11 चेक बनाने के लिए कहा गया, जिनमें कुल एक करोड़ 84 लाख 50 हजार रुपये का फंड ट्रांसफर हुआ. यह पैसा उनकी रिटायरमेंट की रकम थी, जिसमें से उन्होंने कुछ भी खर्च नहीं किया था.

Digital Arrest Case: भाई को बताई पूरी बात, पुलिस में दर्ज कराई रिपोर्ट

पीड़ित के मुताबिक, “जब मैंने अपना पैसा वापस करने की बात की, तो अधिकारियों ने मुझे बताया कि कुछ और समय लगेगा. इस दौरान वे मुझे धमकी देने लगे.” नरेश बेरवा ने कहा कि इस बीच उनके छोटे भाई को भी एक कॉल आया, जिसमें बताया गया कि नरेश किसी धोखाधड़ी में फंसे हुए हैं, लेकिन, उनके भाई ने उस कॉल को नकारते हुए फोन काट दिया. उसके बाद उन्होंने अपने भाई को पूरी बात बताई और फिर पुलिस में रिपोर्ट दर्ज करने का निर्णय लिया.

Digital Arrest Case: SBI से आए मैसेज को किया था नजरअंदाज

बकौल पीड़ित, “इस प्रक्रिया के दौरान मुझे यह भी याद आया कि अक्टूबर में एसबीआई से एक मैसेज आया था, जिसमें यह चेतावनी दी गई थी कि यदि कोई खुद को सीबीआई अधिकारी बताकर आपको फोन करता है, तो आपको उसकी रिपोर्ट करना चाहिए. लेकिन मैंने वह मैसेज पहले नजरअंदाज कर दिया था.” जब उन्होंने अपने बैंक से जानकारी ली, तो उन्हें बताया गया कि जो चेक उन्होंने जमा किए थे, वे संदिग्ध थे और उन्हें इस बारे में और जानकारी लेनी चाहिए थी. इसके बाद पीड़ित ने पूरी घटना की जानकारी पुलिस को दी और मामला दर्ज करवाया.

Digital Arrest Case: 11 अलग-अलग चेक के जरिए खाते में जमा करवाए पैसे

बनाड़ थाना अधिकारी प्रेम दान ने कहा, “कल नरेश बेरवा ने रिपोर्ट दर कराई है, जिसमें उन्होंने बताया कि उन्हें कल कोई फोन आया था, जिसमें बताया गया था कि उनके विरुद्ध कोई जांच चल रही है. और उसका समाधान करना है. इसके बाद उन्होंने फोन करने वालों को अपना नंबर दे दिया. उसी नंबर के आधार पर उनके 11 अलग-अलग चेक के जरिए करीब 1.84 करोड़ रुपये अज्ञात व्यक्तियों के खाते में जमा करवा दिए. फिलहाल इसके बाद पुलिस ने पूरे मामले की जांच कर तेज कर दी है.”