मोबाइल ग्राहकों पर सरकार नहीं डालेगी दबाव, चाहें तो करा सकते हैं दोबारा KYC
उच्चतम न्यायालय ने आधार ई-केवाईसी (ग्राहक को जानो) के जरिये नये सिम कार्ड जारी करने पर रोक लगा दी है.
दोनों विभागों ने संयुक्त बयान में इस मामले की हकीकत बयान की. (फाइल फोटो)
दोनों विभागों ने संयुक्त बयान में इस मामले की हकीकत बयान की. (फाइल फोटो)
आधार से जारी हुये फोन कनेक्शन रद्द होने की खबरों पर दूरसंचार विभाग और भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (यूआईडीएआई) ने बृहस्पतिवार को सफाई दी. दूरसंचार विभाग और यूआईडीएआई ने कहा कि सरकार ग्राहकों पर पुन: सत्यापन का दबाव नहीं डालेगी. पुन: सत्यापन तभी किया जायेगा जब कोई ग्राहक अपने आधार विवरण को किसी दूसरे पहचान पत्र या वैध पता प्रमाण पत्र से बदलेगा. उच्चतम न्यायालय ने आधार ई-केवाईसी (ग्राहक को जानो) के जरिये नये सिम कार्ड जारी करने पर रोक लगा दी है. हालांकि, पुराने नंबरों का कनेक्शन रद्द (निष्क्रिय) करने के कोई निर्देश जारी नहीं किये हैं.
ई-केवाईसी वाले फोन नहीं होंगे बंद
दोनों विभागों ने संयुक्त बयान में कहा, "उच्चतम न्यायालय ने आधार मामले में अपने फैसले में उन मोबाइल नंबरों को बंद करने का कहीं कोई निर्देश नहीं दिया है, जो आधार ई-केवाईसी के जरिये जारी हुए हैं. इसलिये लोगों को डरने या घबराने की कोई जरूरत नहीं है."
नए दस्तावेज नहीं देने होंगे
ऐसी अटकलें लगाई जा रही थी कि जिन ग्राहकों ने आधार से मोबाइल कनेक्शन लिया है, उन्हें केवाईसी विवरण प्रक्रिया को पूरा करने के लिये नए दस्तावेज देने पड़ सकते हैं. क्योंकि, न्यायालय ने अपने फैसले में निजी कंपनियों को आधार-आधारित सत्यापन करने से रोक दिया है.
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नए KYC कराने के लिए ग्राहक स्वतंत्र
बयान में कहा गया है, "फैसले के मद्देनजर यदि कोई ग्राहक अपने आधार ई-केवाईसी को नए केवाईसी से बदलवाना चाहता है तो, वह नए वैध दस्तावेज जमा करके आधार को डी-लिंक करने का सेवा प्रदाता से अनुरोध कर सकता है."
UIDAI ने न्यायालय के आदेश का पालन करने के लिये दूरसंचार कंपनियों को 15 अक्टूबर का समय दिया है और अपनी सेवाओं के लिये आधार आधारित सत्यापन को बंद करने के लिये कहा है.
(इनपुट भाषा)
03:26 PM IST