अक्सर हम नया स्मार्टफोन लेते वक्त उसके कई फीचर्स को चेक करते हैं, जैसे कैमरा क्वालिटी, रैम, प्रोसेसर- लेकिन फोन में उतना ही जरूरी होता है डिस्प्ले. फोन में तीन तरह के डिस्प्ले मिलते हैं LCD, OLED और AMOLED.बता दें कि एलसीडी डिस्प्ले कंपनियों को सस्ते पड़ते हैं और इनमें सीमित व्यूइंग एंगल मिलता है. वहीं ओलेड डिस्प्ले ज्यादा वाइब्रेंट कलर और डीप ब्लैक कलर ऑफर करते हैं और एमोलेड डिस्प्ले पिक्सल को कंट्रोल करने के लिए एक एक्टिव मैट्रिक्स टेक्नोलॉजी का यूज करता है. अगर आप भी नया फोन लेने का सोच रहें है और डिस्प्ले को लेकर कंफ्यूज हैं तो हम आपको बताते हैं कौन सा डिस्प्ले वाला फोन आपके लिए होगा बेहतर.  

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Liquid Crystal Display (LCD)

एलसीडी डिस्प्ले OLED की तुलना में कंपनियों को काफी सस्ते पड़ते हैं. इस डिस्प्ले में सीमित व्यूइंग एंगल मिलता है साथ ही  इसकी बैक लाइट हमेशा ऑन रहती है. बता दें कि डार्क कंटेंट देखने पर भी इसकी लाइट ऑन ही रहेगी, जबकि OLED स्क्रीन में ऐसा नहीं होता. इससे पावर की खपत भी ज्यादा होती है.      

Organic Light Emitting Diode(OLED)

ऑर्गेनिक लाइट एमिटिंग डायोड यानी OLED डिस्प्ले, इसमें यूजर्स को ज्यादा अच्छा कंट्रास्ट, ज्यादा वाइब्रेंट कलर और डीप ब्लैक कलर मिलता है. ये डिस्प्ले पतले, लाइटवेट और ज्यादा फ्लेक्सिबल होने के साथ ही महंगे भी होते हैं. LCD डिस्प्ले की तुलना में ये कंपनियों को ज्यादा महंगे पड़ते हैं.  इसलिए, यूजर्स को आमतौर पर लो प्राइस वाले फोन में एलसीडी डिस्प्ले मिलता है.

Active Matrix Organic Light Emitting Diode (AMOLED)

AMOLED का मतलब एक्टिव मैट्रिक्स ऑर्गेनिक लाइट एमिटिंग डायोड है, ये डिस्प्ले हर एक पिक्सल को कंट्रोल करने के लिए एक एक्टिव मैट्रिक्स टेक्नोलॉजी का यूज करता है. बता दें कि ये OLED डिस्प्ले टेक्नोलॉजी का एक एडवांस वर्जन है. एमोलेड की खास बात ये है कि ये हर एक पिक्सल को कंट्रोल करने के लिए एक स्लिम-फिल्म ट्रांजिस्टर (TFT) का इस्तेमाल करता है जिससे पावर की खपत की खपत कम होती है.