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टेक्नोलॉजी को नई उड़ान देने में Abdul Kalam का रहा है बहुत बड़ा हाथ, इसलिए कहलाए जाते हैं मिसाइल मैन

भारत में मशदूर और 11 वें राष्ट्रपति, जिन्हें उनकी उपलब्धियों के लिए जाना जाता है. उन्हें लोग 'मिसाइल मैन' (Missile Man) के नाम से जानते हैं, जी हां हम बात कर रहे हैं 'अग्नि की उड़ान' भरने वाले APJ अब्दुल कलाम (APJ Abdul Kalam) की, जिनकी आज डैथ एनिवर्सिरी है. उनका पूरा नाम अबुल पकिर जैनुलआबेदीन अब्दुल कलाम था, जो आज ही के दिन सभी को अलविदा कह गए थे. टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में उनका योगदान काफी रहा है. आज की इस लिस्ट में हम आपको उनके scientific योगदान के बारे में बताने जा रहे हैं. डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम अपनी आखिरी सांस तक देश की सेवा में लगे रहे. टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में उनका काफी बड़ा योगदान रहा. देश में कलाम ने दो मेजर स्पेस रिसर्च ऑर्गेनाइजेशन डिफेंस रिसर्च एंड डेवलपमेंट (DRDO) और इंडियन स्पेस रिसर्च (ISRO) के साथ काम किया था. लेकिन उन्हें देश के मिसाइल मैन के नाम से तब माना जाने लगा, जब उन्होंने स्वदेशी निर्देशित मिसाइल AGNI और PRITHVI के डेवलप्मेंट और ऑपरेशन में बेहतरीन योगदान दिया था. इसके अलावा भी उन्होंने देश के लिए बढ़ चढ़कर टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में योगदान दिया है. 
Written By: zeebiz
Updated on: July 27, 2021, 03.52 PM IST
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India's first Satellite Launch Vehicle (SLV)

अब्दुल कलाम देश के पहले सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल (satellite launch vehicle) को डेवेलप करने वाले प्रोजेक्ट के डायरेक्टर रहे हैं, जिन्होंने इसके लिए 10 साल कड़ी मेहनत की. SLV का विकास 1980 के दशक में किया गया, जिसको बनाने का सपना पूरा भारत देख रहा था. इसकी काम को पूरा करने के बाद अब्दुल कलाम को कामयाबी हासिल हुई. इस वक्त अपना देश अंतरिक्ष तकनीक (Space Technology) की दुनिया में कहां है, ये तो सभी जानते हैं. आज भारत ने न केवल SLV का निर्माण किया, बल्कि उसने कई बेहद ताकतवर लॉन्च व्हीकल बना लिए हैं.

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Ballistic Missiles Projects for development

देश में Ballistic Missiles और टेक्नोलॉजी को सक्सेफुली इंडीपेंडेंट बनाने के बाद APJ अब्दुल कलाम को मिसाइल मैन (Missile Man) के नाम से जाना जाता है. देश में जो मिसाइल पहली बार डेवेलप हुई, वो सिर्फ अब्दुल कलाम की देख रेख में ही हुई.   

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Nuclear Test at Pokhran

साल 1998 में अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व में अब्दुल कलाम ने मुख्य वैज्ञानिक एडवाइजर के रूप में 5 Nuclear Test का नेतृत्व किया था. Pokhran-II Nuclear Test का नेतृत्व कर अब्दुल कलाम ने उस समय प्रमुख भूमिका निभाई थी, जिसके बाद से ही उन्हें देश का Best Nuclear Scientist कहा जाता है. जुलाई 1992 से दिसंबर 1999 तक देश के वो परमाणु परीक्षण विभाग (Nuclear Testing Department) के चीफ रहे.

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Universal healthcare plan

अब्दुल कलाम का योगदान सैन्य क्षेत्र में ही नहीं रहा, बल्कि उन्होंने डॉ. Cardiologist Soma Raju के साथ मिलकर काम करते हुए बेहद सस्ता कोरोनरी स्टेंट (Coronary Stent) बनाया. इस स्टेंट का नाम कलाम-राजू स्टेंट (Kalam Raju Stent) दिया गया, जिससे आज heart disease वाले लाखों लोगों का इलाज किया जा चुका है.

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'Kalam Raju tablet'

वहीं साल 2012 में कलाम ने डॉ. सोमा राजू के साथ मिलकर 'कलाम-राजू टैबलेट' (Kalam-Raju Tablet) नाम का छोटा सा टैबलेट तैयार किया. इस टैबलेट को रूरल हैल्थ केयर के लिए तैयार किया गया था, जिससे की देश के ग्रामीण इलाकों में बेहतर स्वास्थ्य पहुंचाई जा सके.