कॉमन चार्जर सॉल्यूशन के लिए 3 एक्सपर्ट ग्रुप बनाएगी सरकार, 2 महीने में देंगे अपनी रिपोर्ट
Common Charger for Multiple Device: अब देश में सभी मोबाइल डिवाइस के लिए एक चार्जर हो सकता है. सरकार इसके लिए आज इंडस्ट्री के साथ बैठक की और इंडस्ट्री ने थोड़ा समय मांगा है.
Common Charger for Multiple Device: स्मार्ट डिवाइसेज का इस्तेमाल करने वाले लोगों के लिए सरकार एक बड़ी राहत लेकर आ रही है. लोगों को राहत देने के लिए सरकार कॉमन चार्जर लाने पर विचार कर रही है, जिसके लिए आज सरकार ने इंडस्ट्री के साथ बैठक भी बुलाई थी. ये बैठक तो खत्म हो गई है लेकिन बैठक में इंडस्ट्री ने सरकार से इस फैसले पर थोड़ा और समय मांगा है. इसके अलावा कॉमन चार्जर के लिए अलग से सब कमेटी बनाने का भी प्रस्ताव रखा गया है. बैठक में इंडस्ट्री ने कहा कि इस पर सुरक्षा के लिहाज से और चर्चा करने की जरूरत है. इसके अलावा सरकार एक 3 एक्सपर्ट्स का ग्रुप बनाएगी जो 2 महीने में अपनी रिपोर्ट देंगे. ग्रुप्स के लिए जल्द ही नोटिफाई किया जाएगा.
कॉमन चार्जर लाना चाहती है सरकार
बता दें कि आज सरकार की अहम बैठक थी, जिसमें एक देश, एक चार्जर (One Nation, One Charger) को लेकर चर्चा हुई. आज सरकार ने इंडस्ट्री, प्रोडक्शन और एसोसिएशन के लोगों के साथ चर्चा की कि और जानना चाहा कि क्या देश में सभी तरह की मोबाइल डिवाइस के लिए एक कॉमन चार्जर हो सकता है. बता दें कि अलग-अलग डिवाइस के लिए अलग-अलग चार्जर की वजह से कई बार डिवाइस भी महंगी हो जाती है और कई बार लोगों को परेशानियों का भी सामना करना पड़ता है.
लोगों को मिलेगी राहत
लोगों को राहत देने के लिए सरकार एक देश, एक चार्जर के कॉन्सेप्ट पर विचार कर रही है और आज इसे लेकर अहम बैठक भी है. आज दोपहर 3 बजे मोबाइल डिवाडस के लिए एक कॉमन चार्जर की अहम बैठक है.
सरकार का कहना है कि सभी मोबाइल यानी कि चलायमान प्रोडक्ट्स जैसे मोबाइल फोन, लैपटॉप, इयर फोन, स्पीकर, स्मार्ट घड़ी आदि के लिए एक जैसा चार्जर हो जाए. सरकार का कहना है कि सभी तरह की डिवाइस के लिए USB C Type चार्जर कॉमन हो सकता है. हालांकि सरकार का ये भी मानना है कि प्रीमियम डिवाइस को फिलहाल अलग रखा जा सकता है.
घटिया इम्पोर्ट और e-Waste को रोकना जरूरी
इस बड़े फैसले के पीछे सरकार का मकसद घटिया इम्पोर्ट और डंपिंग को रोकना है. इसके अलावा सभी तरह से मोबाइल डिवाइस के लिए एक कॉमन चार्जर होने से ई-कचरा रोका जा सकता है और प्रॉडक्ट के दाम भी कम हो सकते हैं. इसके अलावा एसेसरीज मार्केट में मानक लागू हो सकते हैं.