फर्जी सिम (Fake SIM) और कॉलर आईडी (Caller ID) को लेकर काफी लोग परेशान हैं. इससे हो रहे फ्रॉड से काफी लोगों को ठगा जा चुका है. लेकिन सरकार साइबर फ्रॉड (Cyber Fraud) पर लगाम लगाने की तैयारी कर रही है. इसके लेकर अगले हफ्ते तक गाइडलाइन जारी की जा सकती है. बता दें, जहां एक आईडी पर 9 सिम मिला करती थी, अब वो घटकर 4 हो गई है. यानि गाइडलाइन जारी होने के बाद एक ID पर लोगों को केवल 4 ही सिम मिल सकेंगी. 

सरकार की ये है प्लानिंग

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किसी भी फ्रॉड का सबसे पहला सोर्स मोबाइल फोन ही होता है और सरकार इसको और इससे जुड़े इस्तेमाल और Ecosystem को सुरक्षित करने के लिए कई अहम क़दम उठा रही है. इसी क्रम में सिम कार्ड और कॉलर ID को लेकर सरकार कुछ प्लान करने जा रही है. सरकार चरणबद्ध तरीके से लागू करने की योजना बना रही है. पहले चरण में सरकारी और कमर्शियल नंबर शामिल हैं. Application to Person व्यवस्था होगी. टेलीमार्केटिंग/UCC की पहचान आसान हो सकेगी. गैर कमर्शियल नंबर के लिए निजता कानून के बाद विचार होगा. 

एक आईडी पर मिलेंगी केवल 4 सिम

ग्राहकों को अब तक एक आईडी पर 9 सिम मिला करती थी. लेकिन अब जल्द ही ग्राहकों को 1 आईडी पर 4 सिम ही मिला करेंगी. अब से फर्जी ID पर सिम कार्ड नहीं मिलेगा. टेलीकॉम नेटवर्क पर फर्जीवाड़े पर लगाम लगाएगी सरकार. 

स्पैम कॉल रोकने में मिलेगी मदद

बता दें, TRAI ने Consultation शुरू कर दिया है. इससे स्पैम कॉल रोकने में मदद मिलेगी. साथ ही केवाईसी अनिवार्य हुआ तो भरोसेमंद होगा. इसके अलावा सिम कार्ड पाने की प्रक्रिया की भी समीक्षा की जाएगी. फर्जी सिम कार्ड रोकने के लिए AI का इस्तेमाल होगा. केवाईसी की पूरी प्रक्रिया डिजिटल करने की योजना है. एक ID पर जारी होने वाले सिम की संख्या भी घटाने का विचार है. फिलहाल एक ID पर 9 तक सिम कार्ड जारी होते हैं, सिम के लिए Digital Verified Documents की जरूरत पड़ेगी. 

Facial Recognition तकनीक से ब्लॉक होंगे फर्जी सिम 

National Working Group के सुझावों को जल्द अमल में लाएगी सरकार. NWG में RBI, Meity, DoT, MHA के प्रतिनिधि शामिल है. आम लोगों के लिए Telecom Analytics for Fraud Management and Consumer Protection पोर्टल भी जल्द शुरू होगा. फिलहाल ये पोर्टल आन्ध्र, केरल, राजस्थान, तेलंगाना, जम्मू कश्मीर में चालू है. 

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