एप्पल का नया प्लान! चीन को झटका देकर भारत को दे सकता है बड़ा फायदा, जानिए पूरी डीटेल
Apple New Plan: एशियाई देशों में चीन के बाद भारत वो देश है जिसे एपल अपने ऑप्शन के रूप में देख रही है. रिपोर्ट्स के मुताबिक एपल कुछ मौजूदा सप्लायर्स से भारत में प्रॉडक्शन बढ़ाने के बारे में बात कर रही है.
Apple New Plan: चीन में कोरोना का प्रकोप अभी भी जारी है, जिसकी रोकथाम पर चीन ने कड़े नियम जारी कर रखे हैं. कोरोना को कंट्रोल करने के लिए चीन की जीरो कोविड पॉलिसी (Covid Policy) है और इस पॉलिसी का वहां पहले से ही विरोध हो रहा है लेकिन अब उसकी ये नीति एक नई मुसीबत बनकर सामने आती दिख रही है. ऐसे में अमेरिका की दिग्गज टेक कंपनी एप्पल चीन में अपने स्मार्टफोन का प्रोडक्शन करती है, लेकिन चीन की जीरो कोविड पॉलिसी के चलते उसका प्रॉडक्शन बाधित हो रहा है, तो हो सकता है वो चीन में प्रोडक्शन बंद कर भारत में तेजी से बढ़ा सकता है.
जीरो कॉविड पॉलिसी है वजह!
दरअसल अमेरिका की दिग्गज टेक कंपनी Apple चीन में अपने स्मार्टफोन का प्रॉडक्शन करती है लेकिन चीन की जीरो कोविड पॉलिसी के चलते उसका प्रॉडक्शन बाधित हो रहा है और इससे सप्लाई चेन प्रभावित हो रही है. वॉल स्ट्रीट जर्नल की एक रिपोर्ट्स के मुताबिक अब Apple दक्षिण पूर्व एशिया और भारत में प्रॉडक्शन बढ़ाने की तैयारी में है.
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भारत और दक्षिण पूर्व एशिया में बढ़ा सकता है प्रोडक्शन
वॉल स्ट्रीट जर्नल ने इस बात का खुलासा करते हुए बताया कि, 'भारत और वियतनाम में पहले से ही एपल के प्रॉडक्ट्स का प्रॉडक्शन हो रहा है. ऐसे में अब एपल चीन की जगह भारत और दक्षिण पूर्व एशिया में अपने प्रॉडक्शन में तेजी ला सकती है. अब चीन के सामने बड़ी मुश्किल एपल का जाना तो है ही लेकिन एपल के इस फैसले के बाद अन्य पश्चिमी कंपनियां भी ऐसा ही कदम उठा सकती हैं.'
बता दें एप्पल के इन प्रोडक्ट्स में iPhones, iPads और Macbook Computers शामिल हैं. जानकारी के अनुसार, एप्पल चीन में कम्यूनिस्ट शासन की दमनकारी नीतियों के चलते अपनी निर्भरता चाइना पर बढ़ाना नहीं चाहता है. दरअसल, रूस-यूक्रेन के बीच युद्ध में चीन अप्रत्यक्ष तौर पर रूस का समर्थन कर रहा है. ऐसे में पश्चिमी कंपनियां चीन पर निर्भरता कम करना चाहती हैं. आंकड़ों की मानें तो iPhone, iPad और MacBook सहित एपल के 90% से ज्यादा प्रोडक्शन चीन में बाहरी कॉन्ट्रैक्टरों की तरफ से निर्मित किए जाते हैं.
देश में बढ़ सकता है प्रोडक्शन
एशियाई देशों में चीन के बाद भारत वो देश है जिसे एपल अपने ऑप्शन के रूप में देख रही है. रिपोर्ट्स के मुताबिक एपल कुछ मौजूदा सप्लायर्स से भारत में प्रॉडक्शन बढ़ाने के बारे में बात कर रही है. रिसर्च फर्म काउंटरपॉइंट के मुताबिक, भारत ने पिछले साल कुल आईफोन का 3.1 फीसदी आईफोन बनाया था और इस साल यह अनुपात बढ़कर 6 फीसदी से 7 फीसदी होने सकता है.