Lookout Report on Cyber attack: साइबर अटैक, हैकिंग और फिशिंग का खतरा एंड्रॉइड के मुकाबले iOS यूजर्स पर ज्यादा है. लुकआउट की ताजा रिपोर्ट में इस बात का खुलासा किया गया है.  लुकआउट कंपनी डेटा सिक्युरिटी पर काम करती हैं. यह स्टडी 2024 के कैलेंडर वर्ष की तीसरी तिमाही यानी जुलाई-अगस्त के बारे में है. लुकआउट की रिपोर्ट के मुताबिक आईफोन और आईपैड जैसे iOS डिवाइस, Android डिवाइस के मुकाबले फिशिंग और वेब के खतरों के लिए ज्यादा आसान शिकार हैं.

iOS में फिशिंग हमलों में हुई 17% बढ़ोतरी 

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लुकआउट की रिपोर्ट के मुताबिक पिछले तीन महीनों में कंपनियों को निशाना बनाने वाले फिशिंग हमलों में 17% की बढ़ोतरी हुई है. खतरनाक ऐप्स का पता लगने की संख्या में 32% की बढ़ोतरी हुई है. सबसे दिलचस्प बात ये है कि iOS डिवाइस (जैसे आईफोन) फिशिंग और वेब के खतरों के लिए ज्यादा आसान शिकार पाए गए हैं.  2024 के पहले तीन महीनों में हर तिमाही में लगभग 19% कंपनियों में इस्तेमाल होने वाले iOS डिवाइस कम से कम एक बार फिशिंग हमले का शिकार हुए हैं. 

10.9% Android डिवाइस फिशिंग हमले के हुए शिकार

एंड्रॉइड डिवाइस की बात करें तो ,कंपनी का कहना है कि इसी दौरान 10.9% Android डिवाइस कम से कम एक मोबाइल फिशिंग हमले का शिकार हुए हैं. Lookout का कहना है कि मोबाइल से जुड़े खतरे तेजी से बढ़ रहे हैं. साइबर क्राइम करने वाले अपने तरीके बदल रहे हैं और मोबाइल डिवाइस को निशाना बना रहे हैं. इसके अलावा, Lookout के रिसर्चर्स ने हाल ही में दो ऐसे मोबाइल सर्विलांसवेयर का खुलासा किया है जिन पर वो काफी समय से नजर रख रहे थे. ये दोनों सर्विलांसवेयर चीन और रूस के हैकर ग्रुप चलाते हैं.

लुकआउट के पास 22 करोड़ से ज्यादा डिवाइस

लुकआउट का कहना है कि उसके पास 22 करोड़ से ज्यादा डिवाइस, 36 करोड़ ऐप्स और अरबों वेब आइटम्स का डेटा है. इससे कंपनी को दुनिया भर में साइबर सिक्योरिटी से जुड़े ट्रेंड को समझने में मदद मिलती है. साथ ही, कंपनी हर तरह की इंडस्ट्री और जगह की सिक्योरिटी टीम को मोबाइल से जुड़े खतरों से डेटा बचाने में मदद करती है.