डिजिटल दुनिया में स्मार्टफोन यूजर्स की संख्या लगातार बढ़ रही है. रिपोर्ट की मानें तो आने वाले 4 वर्षों में भारत में स्मार्टफोन इस्तेमाल करने वालों की संख्या दोगुनी हो जाएगी, जबकि इंटरनेट इस्तेमाल करने वालों की तादाद में 40 फीसदी का इजाफा होगा. सरकार के प्रयासों तथा रिलायंस जियो जैसी निजी कंपनियों के कारण देश में डेटा पिछले छह साल में 95 प्रतिशत सस्ता हुआ है. इसके कारण इंटरनेट का इस्तेमाल करने वालों की संख्या तेजी से बढ़ रही है. मैकिन्जी की एक रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई है.

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मैकिन्जी ग्लोबल इंस्टिट्यूट ने ‘डिजिटल इंडिया-टेक्नोलॉजी टू ट्रांसफॉर्म ए कनेक्शन नेशन’ रिपोर्ट में कहा है कि देश में डेटा के लगातार सस्ते होने से वर्ष 2023 तक इंटरनेट के उपयोक्ताओं की संख्या करीब 40 प्रतिशत बढ़ जाएगी. रिपोर्ट में कहा गया है कि इस दौरान स्मार्टफोन रखने वाले लोगों की संख्या भी दोगुनी हो जाएगी.

रिपोर्ट के अनुसार, सरकार की मदद से अर्थव्यवस्था को डिजिटल बनाने में मदद मिली है. रिलायंस जियो जैसी निजी कंपनी के कारण 2013 से डेटा की लागत 95 प्रतिशत से अधिक कम हुई है.

रिपोर्ट में कहा गया है कि देश का मुख्य डिजिटल क्षेत्र 2025 तक दोगुना बढ़कर 355 से 435 अरब डॉलर का हो जाएगा. भारत डिजिटल उपभोक्ताओं के लिये सबसे तेजी से बढ़ते बाजारों में से एक है. देश में 2018 तक इंटरनेट के 56 करोड़ उपयोक्ता थे जो कि सिर्फ चीन से कम हैं.

रिपोर्ट के अनुसार देश में मोबाइल डेटा उपयोक्ता औसतन प्रति माह 8.30 जीबी डेटा का इस्तेमाल करते हैं. यह औसत चीन में 5.50 जीबी और दक्षिण कोरिया जैसे उन्नत डिजिटल बाजार में आठ से साढ़े आठ जीबी है.

रिपोर्ट में कहा गया है, ‘‘17 परिपक्व और उभरते बाजारों के हमारे विश्लेषण से पता चला है कि भारत किसी भी अन्य देश की तुलना में अधिक तेजी से डिजिटल हो रहा है.’’ 

रिपोर्ट के अनुसार, ‘‘निजी क्षेत्र के नवाचार ने लाखों उपभोक्ताओं तक इंटरनेट इनेबल्ड सेवाओं को पहुंचाने में मदद की है तथा ऑनलाइन सेवाओं के इस्तेमाल को अधिक सुलभ बनाया है. उदाहरण के लिये रिलायंस जियो द्वारा मोबाइल सेवाओं के साथ परोक्ष तौर पर मुफ्त स्मार्टफोन की पेशकश ने क्षेत्र में नवाचार तथा प्रतिस्पर्धी कीमत को बढ़ावा दिया.’’ 

इसका परिणाम हुआ कि प्रति उपयोक्ता मासिक मोबाइल डेटा खपत सालाना 152 प्रतिशत की दर से बढ़ रही है. यह दर अमेरिका और चीन की तुलना में दोगुना से भी अधिक है. फिक्स्ड लाइन की औसत डाउनलोड स्पीड भी इस कारण 2014 से 2017 के बीच चार गुना बढ़ी है.

रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत में 2023 तक इंटरनेट के उपयोक्ताओं की संख्या बढ़कर 83.50 करोड़ होने की क्षमता है. इसमें कहा गया, ‘‘भारत में इंटरनेट उपयोक्ताओं की संख्या करीब 40 प्रतिशत बढ़कर 2023 तक 75 से 80 करोड़ तक पहुंच जाएगी. इस दौरान स्मार्टफोनों की संख्या भी बढ़कर 65 से 70 करोड़ हो जाएगी.’’ 

रिपोर्ट के अनुसार देश में औसत सोशल मीडिया उपयोक्ता इन मंचों पर हर सप्ताह 17 घंटे व्यतीत करता है. यह चीन और अमेरिका की तुलना में अधिक है.

रिपोर्ट में कहा गया है कि कम से कम एक डिजिटल लेन-देन खाता रखने वाले लोगों की संख्या 2011 के बाद से 80 प्रतिशत बढ़ी है. रिपोर्ट में इसका श्रेय सरकार की जन-धन योजना के तहत 33.20 करोड़ लोगों का मोबाइल आधारित बैंक खाता खोले जाने को दिया गया है.