WhatsApp यूजर्स के लिए अच्छी नहीं है खबर, बंद हो सकती है फ्री कॉलिंग! देने पड़ेंगे पैसे, बदलने वाला है ये नियम
सरकार ने Indian Telecommunication Bill, 2022 का ड्राफ्ट तैयार कर लिया है. नए टेलीकॉम बिल के ड्रॉफ्ट के बाद से अनुमान लगाया जा रहा है कि हो सकता है आने वाले समय में आपको व्हाट्सएप को यूज करने के लिए पैसे देने पड़ जाएं.
आज के समय में WhatsApp का इस्तेमाल ज्यादातर लोग करते हैं. अकेले भारत की ही बात करें तो यहां इसके यूजर्स की संख्या 40 करोड़ से ज्यादा है. व्हाट्सएप में आपको मैसेजिंग के अलावा, कॉलिंग और वीडियो कॉल की भी सुविधा मिलती है. लेकिन अब व्हाट्सएप यूजर्स को इसके लिए परेशान होना पड़ सकता है. सरकार ने Indian Telecommunication Bill, 2022 का ड्राफ्ट तैयार कर लिया है. नए टेलीकॉम बिल के ड्रॉफ्ट के बाद से अनुमान लगाया जा रहा है कि हो सकता है आने वाले समय में आपको व्हाट्सएप को यूज करने के लिए पैसे देने पड़ जाएं.
WhatsApp समेत इन ऐप्स को लेना होगा लाइसेंस
टेलीकॉम बिल के मुताबिक WhatsApp, Skype, Zoom, Telegram और Google Duo जैसे कॉलिंग और मैसेजिंग सर्विस ऐप्स को अब भारत में ऑपरेट करने के लिए लाइसेंस लेना होगा. इस बिल में ओटीटी प्लेटफॉर्म्स को भी शामिल किया गया है. बिल का ड्राफ्ट सभी के लिए टेलीकॉम डिपार्टमेंट की वेबसाइट पर मौजूद है. विभाग ने इस बिल के लिए इंडस्ट्री से सुझाव भी मांगे हैं. अगर ये बिल पास हो गया तो टेलीकॉम डिपार्टमेंट इसमें बताए गए नियमों के हिसाब से चलेगा.
व्हाट्सएप कॉलिंग बंद होने के कयास
इस नए बिल के आने के बाद से अनुमान लगाया जा रहा है कि अगर व्हाट्सएप समेत इन ऐप्स को ऑपरेट करने के लिए लाइसेंस लेने की जरूरत पड़ी तो लोगों को भी व्हाट्सएप कॉलिंग और दूसरे एप्स के लिए फीस देनी पड़ सकती है. हालांकि देखा जाए तो व्हाट्सएप या अन्य किसी ऐप के लिए वैसे भी हम चार्ज देते हैं. फर्क सिर्फ इतना है कि अभी ये चार्ज हम डेटा कॉस्ट के तौर पर देते हैं. लाइसेंस फीस देने के बाद कंपनियां यूजर्स से कितना चार्ज वसूलेंगी या नहीं वसूलेंगी, इस बारे में अभी कुछ भी कहा नहीं जा सकता.
20 अक्टूबर तक मांगे गए हैं सुझाव
इसको लेकर भी लोग कई तरह के कयास लगा रहे हैं. संभव है कि लाइसेंस लेने के बाद कंपनियां यूजर्स के लिए मेंबरशिप लेने का विकल्प लेकर आएं या फिर चार्ज वसूलें या फिर यूजर्स को फ्री सर्विस भी दे सकती हैं. फिलहाल इस नए बिल के ड्राफ्ट पर सरकार ने लोगों से सुझाव मांगे हैं. ये सुझाव 20 अक्टूबर तक दिए जा सकते हैं. बिल के पास होने के बाद ही स्थिति स्पष्ट हो सकती है.
जानें लाइसेंस को लेकर प्रावधान
सरकार ने इस बिल में लाइसेंस फीस को लेकर कुछ प्रावधान जोड़े हैं. इसके तहत सरकार के पास लाइसेंस फीस को आंशिक या पूर्ण रूप से माफ कर देने का अधिकार है. इसके अलावा इसमें रिफंड का भी प्रावधान जोड़ा गया है. ऐसे में अगर कोई टेलीकॉम या इंटरनेट प्रोवाइडर लाइसेंस को सरेंडर करता है, तो उसे रिफंड मिल सकता है. नए बिल के तहत सभी टेलीकम्युनिकेशन सर्विस प्रोवाइड्स को लाइसेंस लेना अनिवार्य होगा और सभी नियमों का पालन करना होगा. इसके अलावा अगर कोई टेलीकॉम कंपनी दिवालिया होती है, तो उसके दिए गए स्पेक्ट्रम का कंट्रोल सरकार के पास होगा.