देश के डिजिटल मीडिया और मनोरंजन इंडस्ट्री का आकार 2030 तक तीन गुना होने की संभावना है, जिसका मूल्य वर्तमान में 12 अरब डॉलर है. बुधवार को एक रिपोर्ट में यह बात कही गई है. रेडसीर रिसर्च के मुताबिक, इंटरनेट यूजर्स की बढ़ती परिपक्वता के साथ-साथ डिजिटल मीडिया पर बढ़ते खर्च से दूसरी चुनौतियों जैसे डिजिटल विज्ञापन खर्च में गिरावट के कारण बाजार में आई हालिया मंदी से इस क्षेत्र को उबरने में मदद मिलने की उम्मीद है.

इस प्लेटफॉर्म ने दिया सबसे ज्यादा योगदान

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पिछले दो वर्षों में, नॉन-रियल मनी गेमिंग (RMG) और ओटीटी वीडियो के बढ़ते चलन ने डिजिटल विज्ञापन खर्च में मंदी के बावजूद इस क्षेत्र के विकास पथ में प्रमुख योगदान दिया है. वित्त वर्ष 2022-23 में डिजिटल मीडिया और मनोरंजन के सभी क्षेत्रों में पेड यूजर्स की संख्या में वृद्धि देखी गई, जिसमें ओटीटी ऑडियो का योगदान सबसे ज्यादा रहा.

भारत में 45-50 करोड़ इंटरनेट यूजर

रिपोर्ट में कहा गया है कि ग्राहक बनाने की ऊंची लागत और उपभोक्ताओं के बने रहने की कम दर की चुनौतियों पर काबू पाने पर ओटीटी वीडियो क्षेत्र को अगले तीन से पांच वर्षों में मुनाफा हासिल करने की उम्मीद है. भारत के इंटरनेट यूजरों के वर्तमान परिदृश्य में 45-50 करोड़ एक्सप्लोरर के मजबूत समूह का प्रभुत्व है. इसके बाद 30-32 करोड़ ट्रांजैक्टर और 3.5-4.0 करोड़ परिपक्व यूजर हैं.

पेड यूजर्स में बढ़ोतरी

रिसर्च में अनुमान लगाया गया है कि भारत में परिपक्व यूजरों की संख्या 2030 तक अमेरिका से अधिक हो जाएगी. देश में 2023 में मिड-कोर/कोर गेमर्स का 15 करोड़ का समुदाय है, जिनमें से एक महत्वपूर्ण हिस्सा कैज़ुअल गेमप्ले से आया है. रिपोर्ट में कहा गया है, अकेले वित्त वर्ष 2013 में, मीडिया और मनोरंजन परिदृश्य में पेड यूजरों की संख्या में तेजी देखी गई और बदले में प्रति पेड यूजर औसत राजस्व (ARPPU) में वृद्धि देखी गई. एमएंडई सेगमेंट में, वित्त वर्ष 2013 में पेड यूजरों की वृद्धि 90 प्रतिशत तक बढ़ गई.