Elon Musk ने लगाया Sam Altman पर आरोप, AI को लेकर OpenAI के एग्रीमेंट तोड़ने पर किया केस
Elon Musk file case against Sam Altman: ओपनएआई और उसके सीईओ सैम ऑल्टमैन पर एआई से जुड़े मूल संविदा करार के उल्लंघन का आरोप लगाते हुए मुकदमा दायर किया है.
Elon Musk file case against Sam Altman: टेस्ला के सीईओ Elon Musk ने शुक्रवार को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) कंपनी OpenAI और उसके चीफ एग्जीक्यूटिव ऑफिसर सैम ऑल्टमैन के खिलाफ मुकदमा दायर किया. एलन मस्क ने कहा कि OpenAI ने मानवता के फायदे के लिए एआई विकसित करने के अपने मूल मिशन को छोड़ दिया है और अब वह सिर्फ पैसा कमाने पर ध्यान दे रही है. आइए जानते हैं क्या है पूरा मामला. ओपनएआई और उसके सीईओ सैम ऑल्टमैन पर एआई से जुड़े मूल संविदा करार के उल्लंघन का आरोप लगाते हुए मुकदमा दायर किया है.
अमेरिका में सैन फ्रांसिस्को की एक अदालत में दायर मुकदमा ओपनएआई के नवीनतम नेचुरल लैंग्वेज मॉडल जीपीटी-4 के इर्द-गिर्द केंद्रित है. एक्स के मालिक ने आरोप लगाया कि ओपनएआई और माइक्रोसॉफ्ट (जिसने सैम ऑल्टमैन द्वारा संचालित कंपनी में अरबों डॉलर का निवेश किया है) ने इस बात पर सहमति व्यक्त करने के बावजूद कि आर्टिफिशल जेनरल इंटेलिजेंस (एजीआई) क्षमताएं "गैर-लाभकारी और मानवता के लिए समर्पित रहेंगी, गलत तरीके से जीपीटी -4 को लाइसेंस प्रदान किया है".
क्या है पूरा मामला
दायर मुकदमे में कहा गया है, "मस्क ने लंबे समय से माना है कि एजीआई मानवता के लिए एक गंभीर खतरा है - शायद आज के दौर में अस्तित्व संबंधी सबसे बड़ा खतरा." मस्क के मुकदमे में करार के ?उल्लंघन, दूसरे पक्ष के सर्वोत्तम हित में अपेक्षित कर्तव्य का उल्लंघन और अनुचित कारोबारी व्यवहार जैसी शिकायतों का विवरण दिया गया है. मस्क 2018 तक ओपनएआई के मूल बोर्ड सदस्य थे.
मुकदमे के अनुसार, ओपनएआई का प्रारंभिक शोध "खुले, डिजाइन, मॉडल और कोड तक मुफ्त और सार्वजनिक पहुंच प्रदान करने" में किया गया था. जब ओपनएआई शोधकर्ताओं ने पाया कि "ट्रांसफॉर्मर्स" नामक एक एल्गोरिदम, जिसका मूल रूप से गूगल द्वारा आविष्कार किया गया था, बिना किसी स्पष्ट प्रशिक्षण के कई नेचुरल लैंग्वेज कार्य कर सकता है, "पूरा समुदाय ओपनएआई द्वारा जारी किए गए मॉडल को बढ़ाने और विस्तारित करने के लिए आगे आया".
क्या है OpenAI का इतिहास
ऑल्टमैन 2019 में ओपनएआई के सीईओ बने. ओपनएआई ने 22 सितंबर 2020 को माइक्रोसॉफ्ट के साथ एक समझौता किया, जिसमें विशेष रूप से माइक्रोसॉफ्ट को उसके जेनरेटिव प्रीट्रेन्ड ट्रांसफार्मर (जीपीटी) -3 लैंग्वेज मॉडल का लाइसेंस दिया गया. मुकदमे में कहा गया है, “सबसे गंभीर बात यह है कि माइक्रोसॉफ्ट लाइसेंस केवल ओपनएआई की प्री-एजीआई तकनीक पर लागू होता है. माइक्रोसॉफ्ट को एजीआई पर कोई अधिकार नहीं मिला. और ओपनएआई कब एजीआई के चरण में पहुँच गया यह तय करना ओपनएआई के गैर-लाभकारी बोर्ड पर निर्भर था, न कि माइक्रोसॉफ्ट पर.”
मस्क ने कहा कि यह मामला ओपनएआई को "स्थापना के समय के करार का पालन करने और मानवता के लाभ के लिए एजीआई विकसित करने के उसके मिशन पर लौटाने के लिए मजबूर करने के लिए दायर किया गया है, न कि व्यक्तिगत प्रतिवादियों और दुनिया की सबसे बड़ी प्रौद्योगिकी कंपनी को व्यक्तिगत रूप से लाभ पहुंचाने के लिए".